उरई। पावर कारपोर्रेशन के एमडी विशाल चैहान ने गुरुवार को सैर-सपाटे के अंदाज में जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। उनके निरीक्षण के पहले हलकान नजर आ रहे अस्पताल के डाॅक्टर व अन्य स्टाॅफ तमाम कमियां सामने आने के बावजूद उनके निश्ंिचत रवैये को देखकर निरीक्षण समाप्त होते-होते पूरी तरह वेखौफ हो गये। पावर कारपोर्रेशन के एमडी विशाल चैहान शासन द्वारा जिले के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी हैं। बुधवार से वे दो दिन के जिले के दौरे पर हैं। दौरे के दूसरे और अंतिम दिन आज सुबह सबसे पहले वे जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। उनके आने से पूर्व मायावती के समय के निरीक्षणों के अनुभव की वजह से अस्पताल स्टाॅफ में थरथराहट महसूस की जा रही थी लेकिन विशाल चैहान अस्पताल में घुसे तो उनका अंदाज मजा लेने वाले पर्यटक जैसा था। जिससे लापरवाह डाॅक्टर और पैरा मेडिकल स्टाॅफ का खौफ जाता रहा। एमडी ने सबसे पहले ओपीडी देखी जहां खुद का ब्लड प्रेशर उन्होंने चैक कराया इसके बाद पोषण पुनर्वास वार्ड का निरीक्षण करने पहुंचे। इस वार्ड में सारे बैड अल्प वजन के भर्ती बच्चों से फुल थे। विशाल चैहान ने उन्हें देखकर डाॅक्टरों को रश्मी हिदायत दी कि बच्चों के साथ-साथ उनकी माताओं की सेहत के बारे में भी दिलचस्पी दिखायें तांकि बच्चे कुपोषित न हो सकें। बाद में एक वार्ड में निवहना निवासी तीमारदार सुखदेव ने उनसे दुखड़ा रोया कि कल से उनकी बहू दर्द से तड़पती हुई अस्पताल में है लेकिन अभी तक न कोई डाॅक्टर उसे देखने आया है और न ही उसकी जांच कराई गई है। इसके बाद सीएमएस ने बताया कि अल्ट्रा साउंड के इंचार्ज डाॅ. गौरव कल भी बेतुके समय आये थे और आज जबकि उन्होंने उनको छुटटी देने से इंकार कर दिया था फिर भी वे गोल हैं। ऐसे में भर्ती महिला की जांच कैसे हो। आंशका यह थी कि यह सुनकर एमडी का पारा चढ़ जायेगा लेकिन इतनी गंभीर कर्तव्यहीनता पर भी जनाब कूल-कूल रहे। उन्होंने बड़े ठंडे अंदाज में सीएमएस से कहा कि तो इनका स्पष्टीकरण मांगकर इस महीने का वेतन रोक दो। महिला वार्ड में मरीजों को अपनी करतूत छुपाने के लिए सीएमएस ने पर्याप्त लिखाया-पढ़ाया था लेकिन तो भी जब विशाल चैहान मरीजों को दी जाने वाली डाइट की पड़ताल करने लगे तो सरोज नाम की एक मरीज की ट्राली में दूध का नया पैकेट देखकर उन्होंने चोरी पकड़ ली। उन्होंने कहा कि अगर डाइट दी जा रही होती तो मरीज के पास गर्म दूध होता। यह पैकेट उनके दौरे की वजह से तत्काल दिया गया है। इसका मतलब नियमित डाइट मरीजों का उपलब्ध नही कराई जा रही है। इससे सीएमएस और स्टाॅफ कुछ सहमा लेकिन जब एमडी साहब ने कोई कार्रवाई नही की तो मन ही मन चलो बला टली कहकर अस्पताल स्टाॅफ ने राहत की सांस ली। पुरुष वार्ड और बर्न वार्ड के निरीक्षण में भी उन्होंने इसी तरह खानापूर्ति की। बाद में जब पत्रकारों में उनसे निरीक्षण पर प्रतिक्रिया पूंछी तो जनाब बोले कि जिला अस्पताल की व्यवस्थायें कुल मिलाकर ठीक हैं मरीज संतुष्ट है फिजीशियन की कमी है जिसकी पूर्ति के लिए वे प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को पत्र लिखेगें। उरई के निरीक्षण के बाद प्रमुख सचिव ने डकोर ब्लाॅक और थाना के अलावा कदौरा व कालपी में भी निरीक्षण किया।

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