उरई। अन्ना पशुओं के मेहनत से तैयार खड़ी फसल चर जाने से त्रस्त किसान इस कदर आजिज आ चुके हैं कि उन्हें न धर्म सूझ रहा है और न कानून। अन्ना पशुओं से छुटकारा पाने के लिए गत दिनों ऐसे ही किसानों ने एक दुस्साहसिक कदम उठा लिया जिसके तहत उन्होनें तमाम गायें एक बाड़े में बंद करके आग लगा दी। जिससे 10 गायें बुरी तरह झुलस गईं। इस घटना को लेकर बाद में पूरे क्षेत्र में गंभीर आक्रोश व्याप्त हो गया। जिसे देखते हुए पुलिस ने आनन-फानन घटना करने में शामिल बताये गये लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। थाना रेढ़र के अंतर्गत ग्राम मानपुरा में आये दिन अन्ना मवेशियों द्वारा तैयार फसल चर जाने से किसान बौखलाये हुए थे। अन्ना पशुओं की रोकथाम पर पिछली सरकार द्वारा खर्च किये गये भारी भरकम बजट को चट करने के बाद अधिकारी खामोश बैठ गये जिससे नुकसान झेलने वाले किसानों को कहीं से कोई ठोस आश्वासन नही मिल पा रहा था। नतीजतन उनमें बगावती भावनाएं भड़क उठीं। 10 अगस्त को इन किसानों ने आवारा गांयों को पकड़कर सरमन दास बाबा के बाड़े में बेड़ दिया और आग लगा दी। कई गायें आग से घिर जाने के कारण झुलस कर तड़पने लगीं। इसके बाद धर्मप्राण गांव वाले इकटठे हुए तो उनमें गुस्से का पारावार न था। पहले तो पुलिस और प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश करता रहा लेकिन सुलगती हुईं जनभावनाएं कही विस्फोटक रूप न ले लें यह अंदेशा गहराने के बाद पुलिस ने इस मामले में आवश्यक कदम उठाने में ही गनीमत समझी और सरमन दास से तहरीर लेकर मानपुरा के ही मुकेश राठौर, शमशेर नाई, कृपाल कोरी, सुरेंद्र गुर्जर, कृष्णभान, बाबू सिंह व कई अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।






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