उरई। न्यू पटेल नगर स्थित गुटखा गोदाम पर नाकाम छापेमारी के बाद सेल टेक्स के अधिकारी उल्टे पैरों बैरंग वापस हो गये। गुटखा निर्माता खाद्य सुरक्षा संबंधी प्रावधानोें की अवहेलना के साथ-साथ बड़ी मात्रा में विभिन्न टैक्सों की चोरी में भी संलग्न हैं। हालांकि उनको वाणिज्य कर की चोरी में विभाग से ही पूरा संरक्षण प्राप्त होता है लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद भी विभाग की आय न बढ़ने से उच्चाधिकारियों की निगाह वाणिज्य कर विभाग पर टेढ़ी हो गई है। जिसके चलते विभाग को चोरी पकड़ने के लिए छापेमारी का ढोंग रचाना पड़ रहा है। इसी क्रम में वाणिज्य कर के उपायुक्त राजेश कुमार मौर्य ने न्यू पटेल नगर में चंद्रशेखर पटेरिया के एक गोदाम पर छापा मारा जिसमें उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। गौरतलब है कि अगर वाणिज्य कर विभाग में जरा भी जमीर बाकी होता तो राजमार्ग पर हौजरी और जनरल स्टोर की महीने में लाखों की बिक्री करने वाले सिंधी दुकानदारों से लेकर मिठाई बेचने वाले बच्चाराम-बूढ़ाराम और लालमन-पीलेमन कभी के सीधे हो जाते। लेकिन इनका पैसा सरकारी खजाने में जमा न करके वाणिज्य कर अधिकारी अपनी जेबें भरते हैं। यही हाल बड़े दवा विक्रेताओं का है। अब शासन का डंडा होने की वजह से छापेमारी तो कर रहे हैं लेकिन खानापूर्ति के लिए। ऊपर से खाली हाथ लौटने पर भी इन्हें शर्म नही आती बल्कि डीगें हांकते हैं कि व्यापार कर चोरों को जेल भेज देगें। दादा बताओं तुम्हारे पास कौन सी धारा है उक्त गुटखा निर्माता को जेल भेजने की, बता दो तांकि वकीलों का भी ज्ञानवर्धन हो जाये।






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