कोंच-उरई। नदीगांव कस्बे के लोग रेजगारी व दस-पांच के सिक्कों को लेकर काफी परेशान है, न तो इन सिक्कों को बैंक शाखायें स्वीकार कर रहीं हैं और न ही दुकानदार। जब बच्चे 2 और 5 रुपये के सिक्के लेकर दुकान पर जाते हैं तो दुकानदार उन्हें सामान देने से साफ मना कर देते हैं। आलम यह है कि लोगों के घरों में चिल्लर बढती जा रही है और बिल्कुल निष्प्रयोज्य वस्तु की तरह धूल खा रही है। इस तरह इन सिक्कों ने लोगों की परेशानी बढा दी है कि आखिर वे घरों में कब तक इन सिक्कों को जमा करके एंटीक पीस बनाते रहेंगे। कस्बे के नंदलाल ने प्रशासन से मांग की है कि सिक्के न लेने बाले दुकानदारों और बैंकों के ऊपर कारवाई की जाये ताकि भारत सरकार और रिजर्व बैंक की इस मुद्रा की तो कम से कम बेइज्जती न हो। उन्होंने बताया कि कई बार लोग इसकी शिकायत भी कर चुके है लेकिन सुनने को कोई राजी ही नहीं है।






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