उरई। मिश्रित गुटखा बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी तांकि उन्हें जेल में डालकर आसानी से उनकी जमानत भी न होने दी जाये। इसे लेकर सोमवार को जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी के साथ गहन मंत्रणा की। जिन चार गुटखा माफियाओं को कार्रवाई की लिए खासतौर से चिन्हित किया गया है। उनमें भैरो गुटखा के मालिक अवनीश चंद्र द्विवेदी, गणेश गुटखा के मालिक राजकुमार सोनी, संजीव गोहन और आकाश शामिल हैं।सुप्रीम कोर्ट द्वारा तंबाखू मिश्रित गुटखों की बिक्री के बाद प्रशासन आये दिन गुटखा फैक्ट्रियों पर छापेमारी तो करता रहता है लेकिन यह कार्रवाई अभी तक दिखावा साबित हुईं हैं। छापों में गुटखों का नमूना लेकर प्रयोगशाला भेज दिया जाता है। जहां गुटखा मालिक सैटिंग कर अपने अनकूल रिपोर्ट बनाव लेते हैं। इसलिए उन पर एडल्ट्रेशन तक का मुकदमा कायम कराने की नौबत नही आती। प्रशासन पर इसकी वजह से उंगलियां उठ रहीं हैं। वरिष्ठ अधिकारियों तक पर गुटखा मालिकों से लेन-देन करके उन्हें बचाने का आरोप लगाया जा रहा है।
इन चर्चाओं के बाद जिलाधिकारी नरेंद्र शंकर पांडेय ने इस मुददे पर गंभीर रूप अपनाते हुए वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी से वार्ता की। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी का कहना था कि गुटखा फैक्ट्रियां बंद न हो पाने के मामले में कहीं न कहीं छापा डालने वाले सिटी मजिस्ट्रेट और खाद्य अभिहित अधिकारी की कार्रवाई में ढिलाई है। हाल ही में जिन फैक्ट्रियों में छापे डाले गये वहां नकली रेपर पकड़े गये। जिन के आधार पर 420 व 467 जैसी धाराएं प्रथम दृष्टया ही लागू की जा सकती हैं। इनमें आसानी से फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार भी किया जा सकता है और उसे जमानत लेने से रोकने के लिए अदालत में प्रभावी पैरवी भी हो सकती है। डीएम ने तंबाखू व सड़ा कत्था और स्वास्थ्य के लिए घातक केमिकल मौके से बरामद होने के आधार पर फैक्ट्री मालिक के खिलाफ रासुका की प्रयोजनीयता को भी लेकर भी वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी से बात की। बाद में उन्होंने इस विषय पर पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह से भी फोन पर लंबा विचार विमर्श किया और सभी थानों को इस बाबत निर्देशित करने का अनुरोध उनसे किया।






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