उरई। बालघर इंटर कालेज सभागार में सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान संवेदना साहित्य समिति के संस्थापक अध्यक्ष डा. माया सिंह माया द्वारा काव्य कोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी का शुभांरभ वाणी बंदना से हुआ। गोष्ठी की अध्यक्षता यज्ञदत्त त्रिपाठी ने की। जबकि मुख्य अतिथि के रूप में रामस्वरूप खरे, विशिष्ट अतिथि पूजा सेंगर का डा. माया सिंह ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। संचालन डा. प्रेम नारायण दीक्षित व हरिश्चंद्र त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में महेश प्रजापति, श्याम बहादुर श्रीवास्तव को डा. माया सिंह ने अंगवस्त्र, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। आयोजन को सफल बनाने में संस्था के संरक्षण गिरेन्द्र सिंह कुशवाहा एवं दयाराम अहिरवार एडवोकेट उपस्थित रहे। कार्यक्रम में श्रीमती विमला तिवारी, प्रेम नारायण दीक्षित, रामश्ंाकर गौर, कोषाध्यक्ष शांति कनौजिया ने अपनी कालजयी रचनाओं से सभी का मनमोह लिया। यज्ञदत्त त्रिपाठी ने हनी मनी के भ्रम में पड़कर बाबा राम रहीम न बनना। डा. रामस्वरूप खरे ने कौन चलता आता है मदांध हो हिमगिर से टकराने को। हरिश्चंद्र त्रिपाठी ने श्रद्धा भक्ति छली जा रही पाखंडी बन रहे संत। प्रेम नारायण दीक्षित ने साज सरगम से बंधा तार बना रहने दो। ओपी गुप्ता ओमजी ने तुम तो ठहरे नेता जी देश क्या बचाओगे। रामगोपाल प्रजापति ने इंसान जो बन जाए आदमी तो वहीं है आदि रचनाएं पड़ी। कार्यक्रम में स्वतंत्र सिंह सेंगर, अमितकुमार सिंह सेंगर, मणीद्र शर्मा का भी सहयोग रहा। अंत में विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य जगरूप सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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