
उरई। ठेकेदारों से धोखाधड़ी कर लाखों रुपये अग्रिम कमीशन के रूप में ऐंठ कर हड़प जाने के आरोपी लोक निर्माण विभाग के सेवा निवृत्त अधिशाषी अभियंता को जिलाधिकारी के हस्तक्षेप पर कोतवाली पुलिस ने रात में उस समय सरकारी आवास पर हिरासत में ले लिया जब वे अपना सामान उठाने आए थे । आरोपी अभियंता पी एन श्रीवास्तव प्रांतीय खंड से गत 31 जुलाई को रिटायर हो चुके हैं । हालांकि कानूनी पेचीदगियों के चलते पुलिस असमंजस में है जिसकी वजह से उनकी औपचारिक गिरफ़्तारी पर फ़ैसला अटका हुआ है । पुलिस अभी ठेकेदारों और अभियंता से विस्तृत पूंछताछ कर रही है ।
5 ठेकेदारों ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है कि रिटायरमेंट के ठीक पहले 27 जुलाई को प्रांतीय खंड के तत्कालीन अधिशाषी अभियंता प्रताप नारायण श्रीवास्तव ने उनसे झांसा दे कर लाखों रुपये अग्रिम कमीशन ले लिया और उनके नाम 2 करोड़ रुपये के काम के 14 सलेक्सन बांड जारी कर दिये जो कि इंकंप्लीट थे । नए अधिशाषी अभियंता ए के गंगवार ने जब उक्त बांड निरस्त करने की कारवाई की तो पीड़ित ठेकेदारों मनोज कुमार , संजय तिवारी , इंदिरा द्विवेदी , निर्मल कुमार सिंह और गणेश के होश उड़ गए । उन्होने पी एन श्रीवास्तव से कमीशन वापसी के लिए तगादा किया लेकिन वे बहाना बनाने लगे । इसलिये ठेकेदारों ने उनकी सुरागरशी शुरू कर दी । ठेकेदारों को रात में सूचना मिली कि पी एन श्रीवास्तव अपना सरकारी आवास खाली करने आ रहे हैं । इस कारण उन्होने सरकारी आवास घेर लिया । इस बीच जिलाधिकारी नरेंद्र शंकर पाण्डेय को भी मामले से अवगत करा दिया गया जिससे उन्होने कोतवाली पुलिस को मौके पर भेज दिया जिसके चलते प्रभारी निरीक्षक देवेन्द्र द्विवेदी रिटायर अभियंता को रात में ही कोतवाली बुला लाये । बाद में ठेकेदारों ने सामूहिक रूप से पुलिस को उनके ख़िलाफ़ शिकायत दी । दूसरी ओर पी एन श्रीवास्तव ने ठेकेदारों पर उनसे जबरन रुपये वसूलने के लिए हाथापाई करने का आरोप लगाया । उन्होने कहा कि कमीशन जमा कराने का उनके ख़िलाफ़ कोई सुबूत ठेकेदारों के पास नहीं है । उधर प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि पी एन श्रीवास्तव को कोतवाली लाते समय पुलिस को उनके पास से 2 लाख 66 हजार रुपये मिले हैं जिसके बारे में पूंछताछ की जा रही है । मामले की कानूनी तौर पर नाप तौल के बाद ही कोई कारवाई संभव होगी ।







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