
उरई । बेहतर मौके मिले तो डकैत समस्या के लिए बदनाम पचनद के इलाक़े के लाल बीहड़ के अंधेरे संसार को शोहरत की रोशनी से भर देने में जुट गए हैं । कंजौसा के गार्गी सिंह उर्फ अमन निषाद का नाम इस अभिशप्त क्षेत्र में रोशनी के ऐसे ही महानद के अवतरणकर्ता के रूप में चमका जब गेट -2017 में 90 वीं आल इंडिया रैंक पर कामयाबी की इबारत लिख कर उन्होने पावर ग्रिड के एक्सीक्यूटिव इंजीनियर का ओहदा सम्हाला ।
अमन खाँटी वन कुसुम हैं क्योंकि उनकी इंटर तक की पढ़ाई महानगर तो दूर जिला मुख्यालय तक पर नहीं रामपुरा में हुई । लेकिन प्रतिभा किसी जगह की मोहताज नहीं होती यह बात अमन ने साबित करके दिखा दी जब परिवार से मिले हौंसले और प्रोत्साहन के बाद उन्होने राष्ट्रीय प्राद्यौगिकी संस्थान केरल में एडमीशन लेने में सफलता पायी ।
यहाँ से बी टेक करने के बाद उन्होने गेट -2017 में ज़ोर आजमायश की । इस दौरान 4 महीने पहले एक सड़क दुर्घटना में उनके पिता बलराम सिंह के असामयिक देहान्त का वज्राघात उन्हे झेलना पड़ा । इस सदमे से वे अभी तक नहीं उबर सके हैं लेकिन उन्हे अब इस बात का संतोष है कि गेट पास करके जो श्रद्धांजलि उन्होने अपने पापा को दी है उससे स्वर्ग में उनकी आत्मा को निश्चित रूप से काफी सुकून मिल रहा होगा ।






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