उरई। भारतीय किसान संघ के नेताओं ने एडीएम को ज्ञापन सौंपकर जनपद को सूखाग्रस्त घोषित किए जाने की मांग की। इसके साथ ही ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि रबी फसलों के पलेवा के लिए नहरों को समय पर चलाया जाए, बंद पडे, नलकूपों का कनेक्शन कराया जाए, किसानों का बिजली बिल माफ किया जाए । किसानों ने सरकार पर कर्जमाफी में भेदभाव का आरोप लगा कर चौंका दिया । गौरतलब है कि किसान संघ आर एस एस का आनुषांगिक संगठन है । संघ के सहयोगी संगठन का राज्य सरकार पर किसानों की कर्ज माफी को ले कर हमला लोगों के लिए अप्रत्याशित है ।शुक्रवार को संघ के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सक्सेना के साथ बड़ी संख्या में किसान नेता कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां पर उन्होंने एडीएम को ज्ञापन दिया । इसमें कहा गया कि जनपद का किसान दैवी आपदा से जूझ रहा है। हालात यह है कि बीते कई वर्षों से किसान सूखे की चपेट में हैं। इस बार भी पर्याप्त बारिश न होने की वजह से किसानों की फसलें ठीक नहीं हुई। कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान इसके चलते चिंतित हैं। इसलिये जरूरत इस बात की है कि जनपद को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों को राहत दी जाए, जनपद में अन्ना जानवरों की समस्या गंभीर बनती जा रही है। रवी फसलों के लिए नहरों का संचालन शीघ्र किया जाए, ग्रामीण अंचलों में अधिकांश इलाकों में माइनरों की खुदाई नहीं हुई है। जनपद में बिजली की कटौती हो रही है। ग्रामीण इलाकों में रोस्टर के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है। धान खरीद केंद्रों के खोलने में भी उदासीनता बरती जा रही है। आरोप लगाया गया कि हरदोई से धंतौली सड़क मानक विहीन बनाई जा रही है जिसकी जाँच कराई जाये । इस दौरान किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष साहब सिंह चौहान, सुभाष द्विवेदी, रामआसरे, लक्ष्मी सिंह, विजय पाल सिंह, कृपाशंकर पालीवाल, अनिल द्विवेदी, जमुनादास, अशोक सोनी, विजय पाल सिंह, अनिल कुमार आदि मौजूद रहे।







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