उरई। अवैध खनन में अदालत के आदेश पर दो जिलाधिकारियों के निलंबन का कोई खौफ प्रशासन पर नही हुआ है। जालौन जनपद में रामपुरा थाना क्षेत्र अवैध खनन का गढ़ बना हुआ है। जहां सिद्धपुरा के नीचे रात भर काली सिंध की बालू जेसीबी से खोदकर ट्रैक्टर भरे जाते हैं। क्षेत्रवासियों के अनुसार इस कारगुजारी को न केवल खाकी का संरक्षण प्राप्त है बल्कि वह इसमें सक्रिय तौर पर सहयोगी की भूमिका भी अदा कर रही है।

इसका खुलासा रिठौरा निवासी पदम सिंह की शिकायत से हुआ। जिनके खेत को बालू माफियाओं ने जबरन अपने कब्जे में ले रखा है क्योंकि इसमें बालू का भारी भंडार है। वे कई महीनों से उच्चाधिकारियों के यहां उक्त खनन को रुकवाकर उनका खेत सुरक्षित करने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी फरियाद पर अभी तक कोई एक्शन नही हुआ है।

पदम सिंह के मुताबिक रामपुरा थाने के सिपाही रात में सिद्धपुरा और महटौली घाट पर अधिकारियों की लोकेशन देने के लिए तैनात किये जाते हैं तांकि खुदा न खास्ता किसी अधिकारी की आमद इलाके में हो तो तत्काल वे माफियाओं को सूचित कर देते हैं जिससे खनन बंद कर दिया जाता है। कई बार डायल-100 की जीप भी लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंचती है जिसे निपटाने का भी ठेका रामपुरा पुलिस ने ले रखा है।

रामपुरा में लंबे समय से अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार दरोगा और सिपाहियों को नही हटा पा रहे। जबकि उनकी पोस्टिंग को निर्धारित समय से काफी ज्यादा वक्त हो चुका है। इनमें दरोगा यशवीर सिंह और ड्राइवर प्रदीप कुमार का नाम सबसे ऊपर है। दरोगा यशवीर सिंह की रामपुरा में तैनाती को चार साल हो चुके हैं। इस बीच सभी थानों में सारे उपनिरीक्षकों के तबादले हो चुके लेकिन अंगद की पांव की तरह जमे यशवीर सिंह को अधिकारी छू तक नही पाये हैं। गोरखपुर और कानपुर देहात के जिलाधिकारियों के निलंबन के बाद यहां अवैध खनने को संरक्षण देने वालों के हौसले पस्त होते हैं या नही इसका इंतजार लोगों को है।

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