
उरई । चुर्खी चौराहा स्थित रमालय उत्सव गृह में भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा की उरई इकाई द्वारा नाट्य प्रस्तुतियां की गई जिसमें विभाजन के समय की सआदत हसन मंटो द्वारा लिखित कहानी ‘खोल दो’ पर आधारित प्रस्तुति भी थी जिसका नाट्य रूपांतरण निर्देशक राज पप्पन द्वारा किया गया ।
अभिनय भी राज पप्पन और उनके साथ प्रदीप कुमार ने किया | एक अन्य प्रस्तुति ‘अकेला आदमी इतिहास बन जाता है’ भी सराहा गया जिसके लेखक एवं निर्देशक राज पप्पन थे , जिसमें प्रदीप ने अभिनय किया । कार्यक्रम का संयोजन इप्टा उरई उपाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार एवं अवधेश शर्मा ने किया |
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निर्देशक एवं रंगकर्मी फहद खान ने कहा कि इप्टा उरई निरंतर रंगकर्म के क्षेत्र में जन चेतना के विकास के लिए सक्रिय रहती है। इतने अभाव के बावजूद भी यहां पर कार्य जारी रखना अपने आप में एक चुनौती है । आज का कार्यक्रम सामाजिक क्रांति के अग्रदूत धनीराम वर्मा, प्रगतिशील आंदोलन के सिपाही सुदर्शन बाथम ,युग कवि साहित्यकार डॉ रामस्वरूप खरे , रंगकर्मी शशि कपूर की याद के लिए समर्पित रहा | डॉ सतीश चंद शर्मा, डॉ स्वाति राज , अनिल शर्मा देवेंद्र शुक्ला ,अजय सेंगर, डॉ कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ,संजीव गुप्ता फहद खान, सुरेंद्र सिंह ,गिरधर खरे ,देवीदीन ,रईस अहमद आदि मौजूद रहे।






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