- तहसीलदार ने किया परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण
कोंच-उरई । बेपटरी शिक्षा व्यवस्था में सुधार की हिदायत तहसीलदार भूपाल सिंह ने जरूर दी है लेकिन क्या सुधार हो सकेगा, यह यक्ष प्रश्न लोगों के मन में कीड़े की तरह कुलबुला रहा है। परिषदीय विद्यालयों के औचक निरीक्षण में तहसीलदार भूपाल सिंह को तमाम खामियां नजर आईं जिनको दूर करने की हिदायत उन्होंने दी है। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर भी उन्होंने नजर डाली तो स्थिति मिली जुली मिली।
शासन के निर्देश पर तहसीलदार भूपाल सिंह सबसे पहले नदीगांव विकासखंड के ग्राम तूमरा में पहुंचे जहां प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका मंजूरानी शर्मा मिलीं, उनसे मिली जानकारी में बताया गया कि स्टाफ में उनके अलावा दो अध्यापक और हैं जिनमें एक अवकाश पर है। दो अध्यापिकायें शिवम पांडे व अनुराधा दीक्षित है जिनमें शिवम उपस्थित मिलीं और अनुराधा अवकाश पर हैं। कन्वर्जन कास्ट, रसोईयों की संख्या, उनके मानदेय, भोजनालय में वर्तन, भोजन की गुणवत्ता, हैंड वाश, स्वास्थ्य शरीर पखवाड़ा, खाद्यान्न की उपलब्धता आदि विंदुओं पर जव उन्होंने जानकारी ली तो मंजू शर्मा ने बताया उनके यहां दो रसोईये हैं जिनको अक्टूवर 2017 के वाद से मानदेय नहीं मिला है, कन्वर्जन कास्ट माह अगस्त 2017 से प्राप्त नहीं हुई, खाद्यान्न मार्च तक उपलब्ध है, वर्तन पर्याप्त हैं, भोजन शुद्ध और मानक व मीनू के अनुसार दिया जा रहा है, भोजन बनाने के लिये एलपीजी गैस उपलब्ध है, स्वास्थ्य पखवाड़ा, हैंड वाश सहित अपेक्षित सभी योजनाओं की स्थिति ठीक है। बच्चों की उपस्थिति में पाया गया कि इक्यावन बच्चे पंजीकृत हैं किंतु उपस्थित हैं मात्र तेरह। कक्षा 1 में पंजीकृत बच्चे 8 उपस्थित 3, कक्षा 2 में पंजीकृत 11 उपस्थित 1, कक्षा 3 में पंजीकृत 7 उपस्थित 1, कक्षा 4 में पंजीकृत 15 उपस्थित 3, कक्षा 5 में पंजीकृत 10 उपस्थित 5 बच्चे मिले। कम उपस्थिति को लेकर प्रधानाध्यापिका मंजू शर्मा ने मध्यावकाश तक बच्चों के आने की बात कही। मीनू के अनुसार भोजन फल दूध आदि के वितरण कक्षा 4 विद्यार्थी निकेश ने बताया कि ऑल इज वैल की स्थिति है, इससे स्पष्ट है कि बच्चों को रटारटाया उत्तर देना सिखाया जा रहा है। इसके बाद तहसीलदार ने कन्या प्राथमिक में निरीक्षण किया जहां प्रधानाध्यापिका चन्द्रमणि सोनी व सहायक अध्यापक अनुराग निरंजन उपस्थित मिले। यहां भी सब कुछ ठीक ठाक मिला। अजीब यह है कि कक्षा 5 की छात्रा अनामिका ने पूछने पर बताया कि उसे पेप्सी दी जाती है। ये इस बात का द्योतक है कि बच्चों को रटाया जाता है कि जब कुछ पूछा जाये तो हां में जबाब देना है। यहां भी उपस्थिति निराशाजनक मिली 42 में कुल 10 की उपस्थिति मिली। इस हालात को लेकर तहसीलदार काफी खफा दिखे, उन्होंने अध्यापकों को चेताया कि बच्चों की उपस्थिति वढायें और जो बच्चे उपस्थित हैं उन्हें सच बोलने के संस्कार दें। इस दौरान ग्राम प्रधान जितेन्द्र पांडे के अलावा ग्रामीण भी उपस्थित रहे।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की भी खुली पोल
तहसीलदार भूपाल सिंह ने जब किया आगनवाड़ी केन्द्र का रुख किया तो वहां यद्यपि केन्द्र खुला था पर मौके पर आंगनवाड़ी कार्यकत्री नहीं मिली।जानकारी देने बाला भी कोई नहीं था। जब एक अन्य महिला जो आंगनवाड़ी केन्द्र की रखवाली कर रही थी, को आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री को बुलाने के लिये भेजा गया किंतु वह नहीं आई और कागज पर लिखकर कुछ भेज दिया जो पठनीय स्थिति में नहीं था। जब तहसीलदार चलने लगे तो कार्यकत्री आयी तो पर कोई जानकारी नहीं दे सकी और न ही कोई रजिस्टर आदि दिखा पायी। मौके पर न कोई बच्चा मिला और न कोई व्यवस्था जिससे लगे कि आंगनवाड़ी केन्द्र चल भी रहा है या कि सब कुछ विभागीय कागजों में ही है।






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