उरई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में प्रधानों का सहयोग हासिल करने के लिए सोमवार को जानकी पैलेस में जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें प्रधानों ने जिलाधिकारी के सामने स्वास्थ्य विभाग की जमकर बखिया उधेड़ी। उन्होंने बताया कि उनके चुनाव के ढाई साल में यह पहली बैठक है जबकि हर तीन महीने के अंदर ऐसी बैठक प्रधानों के साथ आयोजित करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को हैं। कई प्रधानों ने स्वास्थ्य समिति के खाते में अभी तक धनराशि न आने की शिकायत की। प्रधान एएनएम के रवैये से भी असंतुष्ट नजर आये। उनका कहना थ कि एएनएम का सहयोग न मिलने की वजह से जन स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए वे सही तरीके से भूमिका नही निभा पाते।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सम्मेलन में आज शिकायतों का पिटारा खुल गया। प्रधानों ने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं में उनसे सहभागिता की अपेक्षा की जाती है लेकिन हकीकत यह है कि उन्हें आज तक स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी भी नही दी गई है। प्रधानों का कहना था कि स्वास्थ्य विभाग को प्रधान कोई भूमिका निभाये इसमें दिलचस्पी ही नही है।
बाद में जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर ने उन्हें दिलासा देते हुए कहा कि सभी खंड विकास अधिकारियों को नियमित रूप से प्रधानों की बैठक एएनएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ निर्देश दिये जायेगें। जिन प्रधानों के स्वास्थ्य खाते में बजट नही पहुंच रहा है उन्हें तत्काल इसकी व्यवस्था की जायेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि गर्मी के मौसम में चिकिन गुनियां, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां अस्वच्छता के कारण फैलती हैं। इनकी रोकथाम के लिए प्रधान जल भराव को रोकने का इंतजाम करें और फागिंग करायें। उन्होंने पेयजल स्तर बढ़ाने के लिए भी प्रधानों से सहयोग मांगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे सभी योजनाओं की जानकारी प्रधानों को दें तांकि प्रधान ग्रामीणों को इस बारे में जागरूक कर सकें। जिला अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डा. एके सक्सेना व कई अपर मुख्य चिकित्साधिकारी इस मौके पर उपस्थित थे।






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