
कालपी-उरई । कालपी बाईपास हाइवे सड़क किनारे अधिग्रहीत के भूमि-भवन के 71 करोड़ रु. के मूल्यांकन के बावजूद हितवद्ध प्रभावित व्यक्तियों को प्रतिकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जिम्मेदार भुगतान के लिए लटकाये हुये है।इसके बाबजूद मनमाने ढंग से हितवद्ध व्यक्तियों के भूमि -भवनों को धराशायी करने को लेकर महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा।जेसीबी मसीन के सामने आक्रोशित प्रभावितों ने खुदाई का कार्य रुकवा कर रोष जाहिर किया।
विदित हो कि निर्माणाधीन कालपी बाईपास हाइवे किनारे की जमीन तथा भवनों का प्रतिकर प्रभावित व्यक्तियों को अदा न करने पर पीड़ित लोगों ने मा. उच्च न्यायलय में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के खिलाफ याचित दायर की थी। जिससे निर्माण कार्य सात वर्षों तक रुका रहा। इधर उच्च न्यायलय के निर्देश पर भूमि अद्यप्ति अधिकारी, अपर जिलाधिकारी जालौन ने मामले की सुनवाई एक्ट की धारा 3 डी. के तहत करके पिछले साल आदेश पारित कर दिये। बीते सप्ताह एवार्ड तैयार करके अपर जिलाधिकारी पीके सिंह ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के मुख्यालय दिल्ली में 78 करोड़ अदा करने के लिए पत्र भेजा जिसमे 7 करोड़ रु. अधिग्रहण का शासकीय कार्य का भी शामिल था। दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी प्राधिकरण ने निर्धारित धनराशि भूमि अद्यप्ति अधिकारी के यहाँ आवंटित नही की जिससे एक्ट की धारा 3 जी. के तहत प्रभावित व्यक्तियो के प्रतिकर अदा करने का मामला लटका हुआ है।
इधर एन.एच.ए.आई की ठेकेदार कम्पनी के इंजीनियर प्रभावित व्यक्तियों के भवन एवं भूमि को खोदकर नियम विरुद्ध कार्य करने में जुटे है। बुधवार को अशोक कुमार, नरेन्द्र सिंह गौतम, रामदेवी, राहुल वर्मा आदि प्रभावितों आक्रोशित महिलाओं बच्चों ने जेसीबी मसीन के सामने ने नाराजगी प्रकट करते हुये गरजने लगे।आक्रोशित प्रभावित लोगों ने अधिग्रहित भूमि एवं भवनो का नियमानुसार निर्धारित प्रतिकर अदा करने की मांग की। इसके बाद ही भूमि को अधिग्रहण करने पर बल दिया।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जनसंपर्क अधिकारी डी.एन त्रिपाठी ने बताया कि अधिग्रहित भूमि का मूल्यांकन करके पत्राबलिया तैयार हो चुकी है जल्द ही प्रतिकर अदा कर दिया जायेगा। प्रतिकर बात को टालते हुये कोई संतोष जनक जबाब नही दे सकें।




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