* मथुराप्रसाद महाविद्यालय में शुरू हुआ पांच दिवसीय रोबर्स रेंजर शिविर
कोंच-उरई । मथुरा प्रसाद महाविधालय में रोवर्स रेंजर का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के शुभारंभ में प्रशिक्षकों द्वारा सभी रोबर्स रेंजर्स को कार्य करने के गुर बताये गए। शिविर की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. टीआर निरंजन एवं रोवर रेंजर प्रभारी भूपेंद्र त्रिपाठी ने सरस्वती जी की प्रतिमा पर फूल माला चढा कर की।
रोबर्स प्रशिक्षक हरेन्द्र विक्रम सिंह ने प्रशिक्षण देते हुए बताया कि कोई भी स्काउट गाइड रोबर या रेंजर जब तक स्काउट की तीन प्रतिज्ञाओं और नौ नियमों का पालन नहीं करेगा तब तक वह स्काउट गाइड कहलाने योग्य ही नहीं है। प्रत्येक रोबर का कार्य होता है कि वह समाज मे जाकर लोगों के बीच भलाई का कार्य करे। रेंजर प्रशिक्षिका डॉ. अर्चना व्यास ने रेंजर को प्रशिक्षण में स्काउटिंग में प्रवेश, स्काउटिंग की उत्पत्ति, भारत के गाइडिंग की उत्पत्ति तथा उसके इतिहास के बाबत जानकारी दी। इस मौके पर रोबर्स और रेंजर्स को स्काउट झंडे का महत्व, ध्वज आरोहण, झंडा गीत के साथ ही विभिन्न प्रकार की फांस और गांठ लगाना बताया गया। कैम्प फायर, बिना वर्तनों के खाना बनाना आदि की भी जानकारी दी गई। रोबर प्रभारी भूपेन्द्र त्रिपाठी व रेंजर प्रभारी डॉ. मधुरलता द्विवेदी ने अनुशासन और संगठन का महत्व समझाया। इस दौरान डॉ. सुरेन्द्रसिंह, हरिश्चंद्र तिवारी, सुधीर अवस्थी, स्वराज्यमणि अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, मुख्य अनुशासन अधिकारी राघवेन्द्र सिंह, हरिमोहन पाल, अल्पना सिंह, बैशाली गुर्जर, हिमानी अग्रवाल, दीक्षा सोनी, ट्रिंकल राठौर आदि मौजूद रहे।






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