
उरई । हर्ष फायरिंग के जानलेवा रिवाज पर पुलिस की ढिलायी की वजह से अंकुश नहीं लग पा रहा है । रविवार को कदौरा क्षेत्र में एक और मासूम की बाली हर्ष फायरिंग के शौक ने ले ली ।
शादियों में हर्ष फायरिंग बुंदेलखंड के जनपदों में लोगों की आन बान शान से वास्ता रखती है । कानून बनाने वाले माननीय और कानून की रखवाली करने वाले खाकी धारी भी अपने यहाँ ऐसे अवसरों पर हर्ष फायरिंग से बाज नहीं आते । आए दिन हर्ष फायरिंग में निर्दोषों की जान जाती देख कुछ वर्ष पहले इस पर रोक के लिए सख्त आदेश जारी कर दिये गए थे । तत्कालीन सरकार के इस मामले में कड़े रुख के कारण पुलिस भी गंभीरता से निगरानी करने लगी थी जिससे हर्ष फायरिंग पर विराम लग गया था ।
लेकिन पुलिस की मुस्तैदी प्रदेश के बदले निजाम मे फ़ना हो चुकी है जिससे हर्ष फायरिंग के शौकीनो के हौसले फिर बुलंद हो गए हैं । इसके चलते आज कदौरा क्षाना क्षेत्र के बागी गाँव में कदौरा जा रही बारात की निकासी के समय की गई हर्ष फायरिंग की चपेट में आ कर कुसमरा निवासी फहीम के 7 वर्षीय पुत्र समीर को जान गंवानी पड़ी । पहले हाथ पर हाथ धरे बैठी रही लोकल पुलिस को जब इसका पता चला तो उसके हाथों के तोते उड़ गए और लकीर पीटने के लिए मौके पर पहुंच गई ।






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