उरई। प्रदेश सरकार द्वारा भले ही पुलिस की छवि सुधारने व महिलाआें को हक व सम्मान दिलाने के दावे किए जा रहे हों, लेकिन जिले में यह दावे हकीकत से परे नजर आ रहे हैं। अपनी कार्यशैली को लेकर लगातार सुर्खियां बटोर रही जनपद की पुलिस के कारनामों की फेहरिस्त में एक और एेसा ही कारनामा जुड़ गया है। जिसके चलते पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। ताजा मामला कोटरा थाना क्षेत्र का है। जहां पर गैंगरेप की शिकार पीडि़ता थाने गई तो वहां मौजूद दरोगा उसे उरई महिला थाने ले आए। आरोप है कि यहां पर महिला सिपाहियों द्वारा पीडि़ता की बेरहमी से पिटाई की गई और इसके बाद दरोगा ने पीडि़ता से कोरे कागज पर दस्तखत करा लिए और फर्जी मुकदमे में धमकी देकर भगा दिया। अब पीडि़ता ने न्याय के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने उक्त मामले में एसपी से बात की और पीडि़ता को भरोसा दिलाया कि उसे न्याय मिलेगा।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद झांसी के थाना ककरवई अंतर्गत ग्राम प्रतापपुरा निवासी एक युवती बीती नौ फरवरी की शाम साढ़े सात बजे जनपद के कोटरा स्थित कोटरा देवी मंदिर में देवी दर्शन के लिए आई थी। जब वह वहां से निकली तो रास्ते में उसे गोविंद सिंह निरंजन पुत्र आेमकार नाथ निरंजन घर के बाहर मिला, जिसे वह पहले से जानती थी। आरोप है कि किसी बहाने से गोविंद सिंह युवती को अपने घर के अंदर ले गया। इसके बाद उसके साथी राजेश व भीकम भी आ गए। तीनों ने युवती को दबेाच लिया और बारी—बारी से उसके साथ सामूहिक दुराचार किया। इसके बाद बदहवाश हालत में वहां से निकली पीडि़त युवती किसी तरह कोटरा थाने पहुंची और अपने साथ घटित पूरे घटनाक्रम के बारे में पुलिस को अवगत कराया। यहां पर मौजूद एक दरोगा ने पीडि़ता से कोरे कागज पर दस्तखत करवा लिए और उसे पुलिस अभिरक्षा में उरई स्थित महिला थाने ले आए। पीडि़ता का आरोप है कि उक्त दरोगा के इशारे पर महिला सिपाहियों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की और उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए महिला सिपाही के साथ उसके गांव पहुंचा दिया। बहशी दरिंदों के बाद थाने में हुए अत्याचार के बाद पीडि़ता मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची और यहां पर जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर को शिकायती पत्र देकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने मौके पर ही पुलिस अधीक्षक डा. अरविंद चतुर्वेदी से फोन पर बात की और उक्त घटनाक्रम के बारे में बताते हुए पीडि$ता को पुलिस अधीक्षक के पास भेज दिया। इस बारे में जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर ने बताया कि उक्त मामले उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को मामले से अवगत कराते हुए पीडि़ता को  उनके पास भेज दिया है। पीडि़ता के साथ न्याय किया जाएगा।

 

 

गैंग रेप की फरियाद ले कर पहुँची युवती की थाने में पिटाई , डी एम ने लिया संज्ञान

उरई। प्रदेश सरकार द्वारा भले ही पुलिस की छवि सुधारने व महिलाओं को हक व सम्मान दिलाने के दावे किए जा रहे हों, लेकिन जिले में यह दावे हकीकत से परे नजर आ रहे हैं। अपनी कार्यशैली को लेकर लगातार सुर्खियां बटोर रही जनपद की पुलिस के कारनामों की फेहरिस्त में एक और ऐसा ही कारनामा जुड़ गया है। जिसके चलते पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। ताजा मामला कोटरा थाना क्षेत्र का है। जहां पर गैंगरेप की शिकार पीडि़ता थाने गई तो वहां मौजूद दरोगा उसे उरई महिला थाने ले आए। आरोप है कि यहां पर महिला सिपाहियों द्वारा पीडि़ता की बेरहमी से पिटाई की गई और इसके बाद दरोगा ने पीडि़ता से कोरे कागज पर दस्तखत करा लिए और फर्जी मुकदमे में धमकी देकर भगा दिया। अब पीडि़ता ने न्याय के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने उक्त मामले में एसपी से बात की और पीडि़ता को भरोसा दिलाया कि उसे न्याय मिलेगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद झांसी के थाना ककरवई अंतर्गत ग्राम प्रतापपुरा निवासी एक युवती बीती नौ फरवरी की शाम साढ़े सात बजे जनपद के कोटरा स्थित कोटरा देवी मंदिर में देवी दर्शन के लिए आई थी। जब वह वहां से निकली तो रास्ते में उसे गोविंद सिंह निरंजन पुत्र ओमकार नाथ निरंजन घर के बाहर मिला, जिसे वह पहले से जानती थी । आरोप है कि किसी बहाने से गोविंद सिंह युवती को अपने घर के अंदर ले गया । इसके बाद उसके साथी राजेश व भीकम भी आ गए । तीनों ने युवती को दबेाच लिया और बारी—बारी से उसके साथ सामूहिक दुराचार किया। इसके बाद बदहवास हालत में वहां से निकली पीडि़त युवती किसी तरह कोटरा थाने पहुंची और अपने साथ घटित पूरे घटनाक्रम के बारे में पुलिस को अवगत कराया। यहां पर मौजूद एक दरोगा ने पीडि़ता से कोरे कागज पर दस्तखत करवा लिए और उसे पुलिस अभिरक्षा में उरई स्थित महिला थाने ले आए। पीडि़ता का आरोप है कि उक्त दरोगा के इशारे पर महिला सिपाहियों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की और उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए महिला सिपाही के साथ उसके गांव पहुंचा दिया। बहशी दरिंदों के बाद थाने में हुए अत्याचार के बाद पीडि़ता मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची और यहां पर जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर को शिकायती पत्र देकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने मौके पर ही पुलिस अधीक्षक डा. अरविंद चतुर्वेदी से फोन पर बात की और उक्त घटनाक्रम के बारे में बताते हुए पीडिता को पुलिस अधीक्षक के पास भेज दिया। इस बारे में जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर ने बताया कि उक्त मामले उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को मामले से अवगत कराते हुए पीडि़ता को  उनके पास भेज दिया है। पीडि़ता के साथ न्याय किया जाएगा।

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