उरई । लोकसभा चुनाव का रणक्षेत्र सजने की शुरुआत होते ही सभी पार्टियां अपने कील कांटे दुरुस्त करने में जुट गयीं हैं । लगभग ढाई वर्ष बाद समाजवादी पार्टी ने युवजन सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मौखरी का निष्कासन समाप्त करते हुए उन्हें वापस पार्टी में शामिल कर लिया है।
पार्टी के लिए लाठियां खाने में सबसे आगे रहने वाले सुरेंद्र मौखरी इसी कारण सपाध्यक्ष अखिलेश यादव की आंखों के तारे थे । इसके वाबजूद अगस्त 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए हुए उप चुनाव में ऐसा बबंडर उठा कि सुरेंद्र मौखरी सहित 5 दिग्गज नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया । इस बीच 3 निष्कासित नेताओं ने दूसरी पार्टियों में ठिकाना ढूंढ लिया लेकिन सुरेंद्र को वफादारी से मुकरना गवारा नहीं हुआ जबकि दल बदल के लिए उन पर बहुत डोरे डाल गए ।
इतना ही नहीं निष्कासित होने के बाबजूद वे पार्टी के हर संघर्ष में शामिल होते रहे।
हाल में जब अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर प्रयागराज जाने से रोकने के लिए नजरबंद किया गया तो सुरेंद्र मौखरी अपने चिर परिचित अंदाज में सड़क पर उतर आए और एक बार फिर उन्होंने पुलिस की लाठियां खाते हुए भगत सिंह चौराहे पर मुख्यमंत्री योगी का पुतला फूंक डाला।
अंत में पार्टी नेतृत्व पसीजा और शनिवार को प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम के हस्ताक्षर से जारी विज्ञप्ति में उनका निष्कासन समाप्त कर दिया गया । नेतृत्व के इस फैसले से स्थानीय कार्यकर्ता बहुत खुश देखे गए । उन्होंने कहा कि सुरेंद्र के जुझारू व्यक्तित्व से हम को नया बल मिलेगा।
ध्यान रहे कि सुरेंद्र ने अपनी पत्नी संध्या को जिला पंचायत चुनाव में काफी मतों से निर्वाचित कराया था जिससे जनाधार वाले नेता के बतौर भी उनकी शिनाख्त होती है। लोकसभा चुनाव में गठबंधन की वोटों के लिहाज से सेहत के लिए भी उनकी घर वापसी को बेहद शुभ शकुन माना जा रहा है ।
मशहूर शायर शफीकुर्रहमान काशफी,जाने माने नेता नवीन विश्वकर्मा सहित सुरेंद्र के तमाम अनन्य समर्थकों ने मिठाई बांट कर और गोले दागे कर उनकी आमद का जश्न मनाया ।







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