क्यों कहा जाता है इस स्कूल को बच्चों का नरक

उरई। कदौरा ब्लाक के एक स्कूल की शोहरत बच्चों के नरक के बतौर है ।

  यह पथरेहटा का स्कूल परिसर है जिसमें 2 स्कूल संचालित हैं । प्राथमिक विद्यालय में 100 और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 150 बच्चे पढ़ते हैं । बच्चों की इस तादाद की प्रधान मंजू पाल को कोई परवाह नहीं है ।

 ग्रामीण  ब्रिकेश सिंह , विमलेश, राजेश सिंह , मुन्नालाल ,उमेश ,राजू आदि ने बताया कि मुख्य सड़क से स्कूल तक के कच्चे रास्ते में भारी कीचड़ है । बच्चे घुटनों तक कीचड़ में धंस कर स्कूल पहुंचते हैं जिससे उनके कपड़े बदरंग हो जाते हैं और पढ़ाई का मूड फना हो जाता है ।

  उन लोगों ने इस नारकीय दशा को खत्म।कर बच्चों को राहत दिलाने की गुहार प्रधान से की लेकिन वे नहीं पसीजी।

  इस तरह स्कूल पहुंचने की मशक्कत के कारण कई बच्चे बीमार और चुटहिल हो चुके हैं फिर भी उन्हें दया नहीं आ रही।

    उनके इस रवैये से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है । गौरतलब यह भी है कि  मंजू पाल पूर्व प्रधान सेवाराम पाल की पुत्री हैं और उन्हें विवाह के बाद भी मायके के गांव में सिरमौर बनने का मौका मिल गया है ।

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