
लखनऊ । लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा के लोगों को बोर्ड , निगम आदि में समायोजित करके गाड़ी घोड़े से लैस करने की कवायद शुरू हो गई है । शुक्रवार को इस क्रम में बुंदेलखंड विकास के 10 सदस्यीय बोर्ड के नामों का ऐलान किया गया । लालबत्ती के तलबगार तमाम पूर्व विधायक इसके बाद हरकत में आ गए हैं ।
लोकसभा चुनाव के पहले योगी सरकार ने लालबत्तियाँ बाँटने की शुरुआत कर दी है । विधान परिषद के पहले सभापति और इसके बाद उपसभापति के पद को भी सहर्ष सुशोभित कर चुके कुँवर मानवेन्द्र सिंह की लाटरी सबसे पहले उन्हे बुंदेलखंड विकास बोर्ड के चेयरमैन पद पर नवाज़ कर खोली गई है । उनके साथ अयोध्या सिंह पटेल बांदा के साथ ही जमीनी काम न होने के वाबजूद ग्लैमर का तड़का लगाने के लिए फिल्मी चेहरे के बतौर राजा बुंदेला को बोर्ड में उपाध्यक्ष आ ओहदा दिया गया है ।
सदस्यों में पूर्व कस्टम कमिश्नर शंभूदयाल को सर्वोपरि स्थान दिया गया है जिनका प्रोफ़ायल तो अध्यक्ष , उपाध्यक्ष होने लायक था लेकिन अनुसूचित जाति के होने की विडंबना उनकी सारी योग्यताओं पर भारी पड़ गई । सदस्यों में एक और संभावनाशील नाम सुढार निवासी राष्ट्रधर्म पत्रिका के संपादक पवनपुत्र बादल का है । अन्य गैर सरकारी सदस्यों में माताबदल प्रजापति बांदा , महेंद्र पाल सिंह राजपूत हमीरपुर , जगदीश सिंह चौहान झांसी , रामहेत निषाद बांदा , जगराम चौहान बांदा , प्रदीप चौबे ललितपुर , लव कुश चतुर्वेदी चित्रकूट और राम स्वरूप श्रीवास महोबा का नाम है ।






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