उरई । प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना जैसी योजनाओं का थोथापन सामने आता है तो संवेदनशील लोग बेचैन और आक्रोशित हुए बिना नहीं रहते । आए दिन इलाज न करा पाने की वजह से अकाल मौतें हो रही हैं । इस कड़ी में सोमवार को एक और दुखांतिका सामने आई जो हर किसी को विह्वल करने वाली हो सकती है ।

यह दर्दनाक दास्तां जालौन कोतवाली क्षेत्र में दुबरा गाँव की रुखसाना (30वर्ष) पत्नी दीन मुहम्मद की है जिसने रविवार की रात फाँसी पर लटक कर अपनी जान गँवा दी जबकि इसके कारण उसके तीन मासूम बच्चे बड़ी बेटी बेबी (10वर्ष), इसके बाद आसमीन (7वर्ष ) और बेटा वारिस (3वर्ष ) होश सम्हालने के पहले ही अनाथ हो गए हैं ।

दरअसल रुखसाना पहले से ही बीमार थे और बेटे को जानने के बाद तो उसकी हालत बहुत बिगड़ गई थी जिससे वह लंबे समय से असहनीय दर्द से जूझ रही थी । दीन मुहम्मद मजदूरी करके किसी तरह परिवार का पेट भर पा रहा था ।

 

पत्नी के इलाज के लिए पैसे कहाँ से जुटाता । दीन मुहम्मद जैसे लाचार लोगों के लिए न कोई सरकारी योजना कोई काम आ पा रही थी और न ही समाज के साधन सम्पन्न लोगों की सह्रदयता उस जैसे लोगों के लिए उमड़ी  । नतीजतन रुखसाना को हमेशा के लिए अपने दर्द से छुटकारा पाने को केवल खुदकुशी का रास्ता ही दिखा । रुखसाना तो दुनिया से रुख़सत हो गई लेकिन अपने बच्चों को रोता बिलखता छोड़ कर  जिनकी किस्मत में क्या बदा है अब यह देखने वाली बात है ।

 

 

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