माधौगढ़-उरई ।-एक ओर शासन गौशालाओं के लिए बड़े बड़े दावे करने में जुटा हुया है,वहीं अस्थाई तौर पर बनाई गई गौशाला में उनकी चिंता करने वाला कोई नहीं है। क्षेत्र में किसानों की परेशानी को देखते हुए डिकौली गांव में स्थित बंद पड़ी चीनी मिल को अस्थाई गौशाला के रूप में इस्तेमाल किया गया। जिसमें प्रशासन ने चारों ओर से तार फेंसिंग की व्यवस्था कर दी लेकिन 50 दिन से शुरू हुई गौशाला में चारा और भूसा का कोई इंतजाम नहीं हो पाया। जबकि जन सामान्य की मीटिंग में यह तय हुआ था कि प्रशासन संभ्रांत और प्रमुख लोगों से चंदा जुटाकर व अन्य सरकारी फंडिंग से गौशाला में चारा आदि की व्यवस्था करेगा। परन्तु आज तक कोई व्यवस्था नहीं हुई है। जिसके कारण पशुयों की हालत खस्ताहाल है। बल्कि पीने के लिए इतना गंदा पानी है,जिसमें कीड़े रेंग रहे हैं। उसके पीने से निश्चित ही पशु बीमारी की चपेट में आकर मरणासन्न होने की कगार पर पहुंच जाएंगे। डिकौली के ग्राम प्रधान अजयकरन सिंह कहते हैं कि प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया। नगर पंचायत से भी पानी नहीं आ पा रहा है। जानवर गंदा पानी पी रहे हैं। डिकौली गांव के लोग खाने-पीने की व्यवस्था करते हैं।






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