उरई। बेघरों और झोपड़ी वालों को मौसम से सुरक्षा के लिए पक्की छत मुहैया कराने की योजनायें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं। गरीबों की आवास योजना में माधौगढ़ तहसील में जमकर कमीशनखोरी के मामले सामने आ रहे हैं। जिसके चलते जरूरतमंद भटक रहे हैं जबकि अपात्रों ने मौज मार ली है।
जालौन टाइम्स की टीम ने माधौगढ़ ब्लाक के हैदलपुरा में प्रधानमंत्री आवास योजना का हाल जाना ओमप्रकाश पुत्र रामकुमार, जलदेवी, रूप सिंह, मुन्नी देवी, गोपाल आदि नामों की लंबी फेहरिस्त है जो कच्चे और टूटे-फूटे घरों में मौसम की मार झेलते हुए जैसे-तैसे बसर कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री आवास योजना में उनका भला हो जायेगा। ओमप्रकाश कहते हैं कि तीन साल से उन्हें सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं लेकिन आवास नही मिल पाया। वे चारों ओर से खुले मकान में रहते हैं। जिसकी कच्ची दीवाल बारिश में गिर जाती है। ऐसा ही हाल जलदेवी का है जो झोपड़ी में रहती हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टेलीविजन चैनलों और रेडियो पर हर गरीब को पक्का घर देने की डीगें हांकते रहते हैं लेकिन उन्हें जमीन पर आकर फुर्सत नही है कि उनकी आवासीय योजना से केवल प्रधानों और सचिवों की जेबें गर्म हुईं हैं। गरीबों को तो ठेंगा दिखा दिया गया है। गरीबों का कहना है कि वे शिकायत करें भी तो किससे। मोदी की पार्टी के चुने हुए लोगों के दर्शन तो भगवान से भी ज्यादा दुर्लभ हैं।






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