इटावा। भ्रातृ प्रेम पर पुत्र प्रेम आखिर भारी पड़ गया। शिवपाल यादव और अखिलेश यादव चाचा भतीजे के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान में मुलायम सिंह ने शुक्रवार को अपना रुख स्पष्ट कर दिया। मुलायम सिंह ने साफ कहा कि शिवपाल यादव की पार्टी से उनका कोई लेना-देना नही है।
समाजवादी पार्टी पर आधिपत्य को लेकर सैफई परिवार में छिड़ी जंग के समय नेताजी यानी मुलायम सिंह यही कहते रहे थे कि वे अपने अनुज शिवपाल को नही छोड़ सकते। हालांकि निर्णायक मौकों पर उन्होंने सभी को गच्चा देकर पुत्र अखिलेश का ही पक्ष मजबूत करने का काम किया था। लेकिन शिवपाल से अटूट संबंध की बात को वे आज तक दोहराते रहे थे।
इसी मुगालते में शिवपाल ने नई पार्टी बनाने के बाद उन्हें अपने कार्यक्रम में बुला लिया था। आशंका थी कि मुलायम सिंह के असमंजस से समाजवादी पार्टी को चुनाव में घाटा उठाना पड़ेगा। लेकिन आज उन्होंने शिवपाल की गफलत मिटा दी। इटावा से लखनऊ रवाना होते समय पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनका शिवपाल की पार्टी से कोई लेना-देना नही है। उन्होंने कहा कि शिवपाल की रैली में कौन जाता है कौन नही इससे उन्हें क्या लेना देना। यह भी कहा कि रैलियां तो होती रहती हैं। अगर किसी को बधाई देनी है तो मुझे दें मैं भी तो चुनाव लड़ रहा हूं। मुलायम सिंह ने इस तरह अपने पत्ते खोल दिये जिससे शिवपाल को करारा झटका लग सकता है।






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