लखनऊ। इटावा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद अशोक दोहरे ने शुक्रवार को पार्टी छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसके बाद कांग्रेस ने उनको अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।
अशोक दोहरे को ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में शामिल कराने के लिए राहुल के पास ले गये। ज्योतिरादित्य को राहुल गांधी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संसदीय क्षेत्रों की कमान सौंपी है।
इसी के साथ कांग्रेस ने आज महाराजगंज संसदीय क्षेत्र में जेल में बंद बाहुवली नेता अमरमणि त्रिपाठी की पुत्री तनुश्री की उम्मीदवारी वापस ले ली। उनकी जगह पार्टी ने दो बार सांसद रहे स्व. हर्षवर्धन सिंह की पुत्री सुप्रिया सिंह श्रीनेत को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की।
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में हर संसदीय क्षेत्र में मजबूती से पैर जमाने की कोशिश के तहत टिकट वितरण कर रही है। कांग्रेस की इस रणनीति की वजह से कई संसदीय क्षेत्रों में भाजपा से ज्यादा सपा-बसपा गठबंधन के समीकरण गड़बड़ाने के आसार पैदा हो रहे हैं। इटावा में भी ऐसा ही होने का अनुमान है। अशोक दोहरे बसपा में दर्जा प्राप्त मंत्री रह चुके हैं। उनका दोहरे बिरादरी पर खासा असर है भले ही सवर्ण उनसे नाराज हों। चर्चित चेहरों को प्रत्याशी बनाकर जहां कांग्रेस ने इटावा संसदीय क्षेत्र में भी गिनती लायक अपनी हैसियत बनाई है वहीं अगर अशोक दोहरे सजातीय मतदाताओं को सहेजने में कामयाब हो जाते हैं तो सपा उम्मीदवार को बड़ा नुकसान हो सकता है।






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