सिरसाकलार-उरई। गेंहूं की सरकारी खरीद सोमवार से शुरू हो जायेगी लेकिन जिले में कई क्रय केंद्रों का कोई पुरसाहाल नही है। साधन सहकारी समित जखा की जर्जर इमारत इस सच को बयान कर रही है।
उक्त इमारत का निर्माण 1984 में हुआ था। तब से आज तक उसमे मरम्मत तक नही हुई है अंदर कमरों में छपाई नही है। गुम्मो का लेंटर पड़ा है जो लेंटर से गुम्मा छोड़ चुके हैं नतीजतन इनका सरिया दिखाई देता है। पिछली साल भी इसी जर्जर बिल्डिंग में गेहूं खरीद केंद्र था जिसके कारण आफिस में बैठना खतरे से खाली नही था। फिर भी मरम्मत नही कराई गई।
समिति के सचिव आनन्द तिवारी का कहना है कि पिछली बार छः सात कुन्तल गेहू भींग कर सड़ गया था क्योकि समिति के बाहर कच्चा मैदान है जबकि अंदर पानी टपकता है। कहीं गेंहूं रखने की जगह नही है। अधिकारियों को इस बदहाली से अवगत करा दिया गया है।
क्या कहते हैं किसान
पिंटू चैहान का कहना है कि हम किसानों का गेहू अगर बारिश होने लगे तो उसके भींग कर बर्बाद होने के अलावा कोई चारा नही है। गो कि जर्जर बिल्डिंग में गेंहूं नही रख सकते। शासन को गेंहूं तुलाई केंद्र ऐसी समिति को बनाना चाहिए जहां बिल्डिंग अच्छी हो। सिरसा कलार समिति की नई बिल्डिंग है जहाँ केंद्र नहीं रखा गया। दो साल से जखा समिति में खरीद होती है जो जर्जर है
कोमल सिंह का कहना है पिछली साल किसानों को सस्ते दामों में गेहू व्यापारियों को बेचना पड़ा था क्याकि रखने की जगह न होने से खरीद लक्ष्य के हिसाब से कम हुई थी। किसानों की जिलाधिकारी मांग है कि सिरसकलार क्षेत्र में खरीद केंद्र ऐसी जगह हो जहां किसान अपना गेहू का मूल्य पूरा पा सके ।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
एडीसीओ तहसील जालौन हरदास यादव का कहना है कि जखा सहकारी समिति की जर्जर बिल्डिंग की जानकारी है पर तुलाई केंद्र जिले स्तर से बने है। हालांकि उन्होंने आश्वस्त किया कि इस बार किसान का गेहू भींग न पाए और उसे पूरा समर्थन मूल्य मिले ऐसी व्यवस्था की जायेगी।

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