
बुन्देलखण्ड की बांदा चित्रकूट संसदीय सीट से भाजपा ने वर्तमान सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा का टिकट काटकर पिछड़े वर्ग के आरके सिंह पटेल को थमा देने से ब्राह्मण समाज अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। ब्राह्मण वर्ग की नाराजगी दूर करने के लिए कोई दूसरा दल ब्राह्मण प्रत्याशी उतारे इससे पहले ही जातिवाद से ऊपर उठकर सभी वर्गों में लोकप्रिय अशोक त्रिपाठी जीतू भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में ताल ठोंकने को तैयार दिखाई दे रहे हैं। अगर वह निर्दलीय चुनाव मैदान में आए तो निश्चित ब्राह्मणों के एकमुश्त मतों पर कब्जा करके भाजपा को मुश्किल में डाल सकते हैं।
दोनों जनपदों में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या लगभग 30 फीसदी है। कुछ दिनों तक इस सीट को ब्राह्मण सीट माना जाता था लेकिन 16 में से 8 बार गैर ब्राह्मण और इतने ही बार ब्राह्मण प्रत्याशी यहां से जीतते रहे हैं। यह पहली बार हुआ है जब किसी राजनीतिक दल ने ब्राह्मण प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। जबकि भारतीय जनता पार्टी की ओर से वर्तमान सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा अशोक त्रिपाठी जीतू, रमेश अवस्थी, आनंद शुक्ला और रंजना उपाध्याय सहित करीब दर्जनभर दावेदार थे, जिन्होंने आवेदन भी किया था परंतु भाजपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी को दरकिनार करके मानिकपुर से विधायक आरके सिंह पटेल को टिकट थमा दिया। जिससे ब्राह्मण समाज भाजपा से खासा नाराज है। ऐसे में अशोक त्रिपाठी जीतू निर्दलीय चुनाव लड़ कर ब्राह्मण मतों के सहारे अपनी ताकत दिखा सकते हैं। बताते चलें कि कांग्रेस से ही राजेश दीक्षित, भगवानदीन गर्ग और राघवेंद्र गौतम ने दावा किया था पर पार्टी ने इनका दावा खारिज कर दिया। इस तरह से देखा जाए तो दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने ब्राह्मणों की दावेदारी को खारिज कर दिया है। इस सीट पर कांग्रेस से शिव दयाल उपाध्याय, राम नाथ दुबे, भीष्म देव दुबे, जनता पार्टी के अंबिका प्रसाद पांडे, जनसंघ से राम रतन शर्मा, भाजपा से रमेश चंद्र द्विवेदी, प्रकाश नारायण त्रिपाठी व भैरों प्रसाद सांसद चुने जा चुके हैं। इसी सीट से शेष आठ गैर ब्राह्मण सांसद हुए हैं।







Leave a comment