स्मैक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के बाद भी थोक विक्रेता पुलिस के शिकंजे से बाहर

 

जालौन। पुलिस द्वारा एक साथ तीन फुटकर स्मैक विक्रेताओं की गिरफ्तारी के साथ नगर जालौन में भारी मात्रा में स्मैक के साथ नगदी बरामदगी की चौदह साल के बाद हुई इतनी बड़ी बहुत सराहनीय कार्रवाई के बाद भी प्रमुख स्मैक थोक तस्कर क्यों शिकंजे से बाहर हैं अब इस पर सवाल खड़े होना शुरू हो गए हैं।

नगर जालौन एवं ग्रामीण अंचल के कुछ गांव में मानव जाति को नशे के गर्त में ढकेलने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। स्मैक रूपी दानव की खुलेआम बिक्री से ग्राम कुदरा, कुदारी, शेखपुरा बुजुर्ग, सहाव, सुढ़ार सालाबाद, मड़ोरा मड़ोरी, जगनेवा, सींगपुरा जैसे दर्जनों गांवों के युवा सेना में भर्ती होकर देश के लिए अपना नाम रोशन करते आए हैं लेकिन जब से स्मैक ने जालौन सर्किल में दस्तक दी है जब से जिन नौजवानों को सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहिए था वह युवा आज स्मैक रूपी दानव के मकडज़ाल में फंस कर तड़प तड़प कर मर रहे हैं। स्मैक का सेवन करने वालों की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी होना इसलिए भी चिंता की बात है क्योंकि स्मैक का नशा करने वाला व्यक्ति मर कर ही नशे से आजाद हो पाता है। जीते जी वह नशा नहीं छोड़ पाता है। इसी बात को ध्यान में रखकर चौदह साल पूर्व 2005 में तत्कालीन कोतवाली प्रभारी रामतीर्थ ने जिस प्रकार से स्मैक तस्कर जरीना को गिरफ्तार करके जेल भेजा था उसी तरह चौदह साल बाद कोतवाली प्रभारी सुनील कुमार यादव के अथक प्रयास से एसआई शफीक खान ने महिला स्मैक तस्कर जरीना उसके पुत्र आशु तालिब और  ग्रामीण अंचल से राजा सिंह सुढ़ार सहित एक साथ तीन फुटकर स्मैक बेचने वालों की गिरफ्तारी कर इतने बड़े पैमाने पर स्मैक की बरामदगी के साथ नगदी भी बरामद करना और तस्करों को जेल भेजना यकीनन स्थानीय पुलिस का बहुत ही सराहनीय कार्य रहा है। नगर जालौन में आज दसियों साल बाद स्मैक की फुटकर बिक्री प्रथम बार पूर्णतया बंद नजर आ रही है लेकिन हमेशा की तरह स्मैक का थोक तस्कर आज भी पुलिस के शिकंजे से बाहर क्यों है यह भी एक सवाल बना हुआ है। नगर जालौन में पुरुषों से अधिक महिलाएं स्मैक की अवैध तस्करी में लगी होने की बात जनमानस द्वारा बताई जा रही है।

मौत का तांडव करने वाले सांड़ को प्रशासन ने पकड़ा

दो दिन पूर्व  ले ली थी एक किसान की जान

कुठौंद। काले सांड़ ने लोगों का जीना दुश्वार कर रखा था। आए दिन किसी न किसी को चुटहिल करना उसका शौक बन गया था। अभी दो दिन पूर्व भैया दूज के दिन एक किसान को खेत से रेत कर मौत के घाट उतार दिया था।

प्राप्त विवरण के अनुसार मंगलवार को भोर के पहर खेत की रखवाली कर रहे ग्राम धराना निवासी किसान माधव (75 वर्ष) सिंह पुत्र साहब सिंह को खदेड़ लिया था जिससे भागते भागते वह पछाड़ खाकर गिर पड़े तथा उनकी वहीं पर मौत हो गई थी। पागल सांड़ के आतंक से लोगों का घर से निकलना तथा खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो गया था। किसानों की तमाम कोशिशों के बावजूद भी पागल सांड़ को नहीं पकड़ा जा सका था। सांड़ के आतंक की सूचना प्रभारी निरीक्षक सुधाकर मिश्र को जैसे ही मिली उन्होंने तत्काल पूरे प्रकरण से उपजिलाधिकारी जालौन को अवगत कराया। जानकारी मिलने के बाद उपजिलाधिकारी जालौन सुनील कुमार शुक्ला, प्रभारी निरीक्षक सुधाकर मिश्रा, स्थानीय पशु पालन टीम के साथ ग्राम धराना पहुंची और सांड़ की घेराबंदी के प्रयास शुरू कर दिए। किसानों एवं पशुपालन तथा पुलिस टीम के संयुक्त प्रयासों के बाद दोपहर बारह बजे से आपरेशन सांड़ शुरू हुआ जिसे पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा जा सका। बाद में उक्त सांड़ घने जंगल में छोड़ दिया गया जिससे किसानों ने राहत की सांस ली है।

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