जालौन। स्थानीय पुलिस द्वारा फुटकर स्मैक विक्रेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई से वह परिवार खुशी महसूस कर रहे हैं जिनके घर स्मैक के नशे में बर्बाद हो गए हैं। लोगों ने ग्रामीण क्षेत्र के स्मैक विक्रेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की है।
नगर व आसपास स्मैक के कारण दर्जनों परिवार बर्बाद हो गए हैं। नगर के साथ ही कुदरा, कुदारी, सुढ़ार सालाबाद, जगनेवा जैसे गांव जहां कुछ साल पहले तक युवा सेना में भर्ती होकर देश का नाम रोशन करते हुए हैं लेकिन इन्हीं गांवों में जब स्मैक का मकडज़ाल फैला तो सैकड़ों युवा स्मैक जैसे जानलेवा नशे की गिरफ्त में आ गए। स्मैक का सेवन करने वालों की बढ़ती संख्या यह बताने के लिए काफी है कि नगर व क्षेत्र में किस तरह स्मैक का गोरखधंधा फैला हुआ है। स्मैक के लती व्यक्ति को कुछ समय बाद न तो अपने परिवार का होश रहता है और न ही अपने बीबी, बच्चों का। जब घर का सारा सामान बिक जाता है तो चोरी चपाटी करने से भी नहीं हिचकता है। उसे बस तलब रहती है तो अपने नशे को पूरा करने की। आम लोगों में कहना है कि एक बार स्मैक का नशा जिसे चढ़ जाता है तो वह उसकी मौत के बाद ही छूटता है। नगर में लगभग चौदह साल पूर्व तत्कालीन कोतवाल रामतीर्थ ने स्मैक विक्रेताओं के खिलाफ अभियान चलाया था। इसके बाद अभी दो दिन पूर्व सीओ सुबोध गौतम के नेतृत्व में कोतवाल सुनील सिंह व उनकी टीम ने स्मैक के तीन फुटकर विक्रेताओं को पकडक़र जेल भेजा है। पुलिस की इस कार्रवाई से एेसे परिवार जिन्होंने इस जानलेवा नशे के की लत के चलते अपनों को खोया है या जिनका सब कुछ बर्बाद हो चुका है उनमें छिरिया सलेमपुर निवासी कैलाश का परिवार, मोहल्ला पुरानी हाट में सुबोध कुमार, मोहल्ला काशीनाथ में अभिनव कुमार, मोहल्ला चिमनदुबे में रहीश व गुड्डू को स्मैक की लत ले डूबी। इनके परिजनों के साथ ग्रामीण गजेंद्र सिंह, अशफाक, बृजेश, दीपू आदि ने उच्चाधिकारियों से मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्र में भी स्मैक विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही पकड़े गए स्मैक विक्रेताओं की संपत्ति जब्त की जाए।






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