उरई। कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश को लाक डाउन किया गया है। लोगों से अपील की जा रही है कि सभी अपने अपने घरों में रहें। प्रशासन द्वारा जरूरी सामान की दुकानों के खुलने का समय भी निर्धारित किया गया है लेकिन मेडिकल स्टोर बराबर खुलने के निर्देश जारी किए गए हैं लेकिन हालत एेसे होते जा रहे हैं। ट्रांसपोर्ट खर्च ज्यादा आने की वजह से होलसेल दुकानदार दवा की आपूर्ति बाहर से नहीं कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में रिटेल दुकानों पर दिन प्रतिदिन दवा कम होती जा रही है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में किए गए लाकडाउन की वजह से यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है। सडक़ों पर वाहनों के निकलने पर रोक लगी हुई है। कुछ वाहनों को आपूर्ति के लिए प्रशासन द्वारा परमीशन दी गई है। एेसी स्थिति में लखनऊ और कानपूर से थोक में दवा आने में खासी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। ऊपर से ट्रांसपोर्ट खर्च भी अधिक आ रहा है लेकिन थोक दुकानदारों को फुटकर मेडिकल स्टोर पर दवा सप्लाई में कमीशन लगभग तीन चार प्रतिशत ही बच पता है और इस समय ट्रांसपोर्ट खर्च अधिक आने की वजह से उन्हें मुनाफा की जगह नुकसान होने की संभावना सता रही है। एेसी स्थिति में थोक दुकानदार भी दवा मंगाने े में भी हिचकिचा रहे हैं जिससे फुटकर मेडिकल स्टोर पर अभी तक जितना दवा का स्टाक था वह जनता कफ्र्यू एवं लाक डाउन की वजह से विगत दिनों में बहुत कम पहुंच गया है। इसी वजह से विगत दिनों की अपेक्षा मेडिकल स्टोर पर अव दवा उपलव्ध न होने के कारण खरीदने वालों की भी कमी होती जा रही है और दुकानों पर सन्नाटा पसरने लग गया है अगर प्रशासन ने ट्रांसपोर्ट व्यवस्था न की और यही हालत रहे तो दो चार दिनों में फुटकर मेडिकल स्टोर संचालक भी अपने हाथ खड़े कर देंगे।






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