
उरई. समकालीन युग के संकट के इस दौर में सुखद प्रसंगों की भी बाढ़ देखी जा रही जो निराश मन को गुदगुदा कर रख देते हैं.
रविवार को रिपोर्टिंग के लिए घूम रहे युवा पत्रकार कैलाश का साबका कुइया रोड पर झोपड़ी वाले बुजुर्ग से पड़ गया जिन्हे 2 दिन से खाना नसीब नहीं हुआ था. जब उन्होंने अपनी आर्त रामकहानी कैलाश को सुनायी तो बरबस ही उनकी आँखे भीग गयी
कैलाश के हाथ में एक लंच पैकेट था जिसे खोल कर उन्होंने बृद्ध के सामने रख दिया. वे भूख के कारण उस पर टूट पड़े. जब अन्न पेट के अंदर गया तो बुजुर्ग को तसल्ली मिली. इसके बाद उन्होंने बुजुर्ग के हाथ में अपनी पॉकेट से 100 रूपये थमाए.
इस बीच उन्होंने बुजुर्ग को बाईक पर बिठाया और पहुंच गये संस्कार ग्रामोद्योग समिति के अध्यक्ष और रेलवे के मुख्य टिकट निरीक्षक रवि शाक्य के पास. पूरी बात सुन कर दयाद्र रवि शाक्य ने अपने साथी आशुतोष पाल के साथ उन्हें 10 किलो गेंहू, 3किलो आटा, अरहर और मूंग की दालें, सरसों का तेल और 500 रूपये नकद दिए तथा जरूरत पड़ने पर फिर आने को कहा. इस अयाचित बड़ी मदद से रोमांचित बुजुर्ग ने उन्हें और ईश्वर को बार बार धन्यवाद दिया.






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