
उरई। दलितों को बराबरी करते देख दूसरों का खून अभी भी देश की पुरानी समाज व्यवस्था के कारण उबाल मारने लगता है। भले ही ऐसी जुर्रत करके वे अपने लिए जेल के दरवाजे का मुंह खोल बैठें।
कालपी में यही हुआ। मोहल्ला नई बस्ती राम चबूतरा में कल्ली बसोर से किसी बात को लेकर ग्यासुद्दीन और इंतजार उर्फ मोंटी का मुंहवाद हो गया। कल्ली का जुबान लड़ाना दोनों को बर्दास्त नहीं हुआ और वे जाति सूचक शब्दों के साथ उस पर पिल पड़े। बाद में कल्ली के प्रार्थना पत्र पर कालपी पुलिस ने मारपीट और अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम का मुकद्मा कायम कर लिया है।






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