
उरई। कोरोना संकट से निपटने में सरकार को आर्थिक मदद देने के लिए धनाढ़य वर्ग भले ही हिचक रहा हो लेकिन आम कहे जाने वाले जिम्मेदार नागरिक अपने निजी खर्चो में से कटौती करके जब इस ओर हाथ बढ़ाते हैं तो उनका सहयोग और त्याग भाव विभोर कर देता है।
सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व प्रधानाचार्य और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पुराने स्वयं सेवक रूद्रसेन वाजपेयी ने भी ऐसा ही अनुकरणीय दृष्टांत सामने लाते हुए डीएम के आपदा कोष में पांच हजार रूपये की सहायता जमा करने का जीवट दिखाया और लोगों से अपील की कि बूंद-बूंद से घट भर जाता है। हर व्यक्ति इस घड़ी में सरकार के आपदा कोष में कुछ न कुछ अंशदान जमा करे। इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं है। सारा देश इसके लिए एकजुट होकर सरकार की इतनी झोली भर दे कि कोरोना से रोक और जांच के लिए इफरात में मास्क, सेनिटाइजर, प्रयोगशाला और दवाओं की व्यवस्था हो सके।
पुराने स्वयंसेवक
प्रसंगवश वाजपेयी ने कहा कि चुनौती के अवसरों पर देश के लिए सर्वस्व लगा देने के संस्कार उन्हें आरएसएस में मिले हैं। 1984 में गोपाल शाखा के जरिए वे संघ से जुड़े थे और मुख्य शिक्षक से लेकर खंड कार्यवाह तक की जिम्मेदारी उन्होंने इसमें निभाई। संघ ने उन्हें सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा समाज के प्रति दायित्व बोध के रूप में दी।






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