
माधौगढ़। कोविड 19 के कारण चारों ओर पसरे सन्नाटे में माधौगढ़ तहसील में तैनात एक लेखपाल दिन रात गरीबों के चूल्हों पर नजरें गड़ाए हुए है। हालांकि पूरा प्रशासनिक अमला कोरोना संकट में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाने में जुटा हुआ है लेकिन शासन की मदद के इतर अपने स्वयं के प्रयासों से ऐसा पहला लेखपाल है जो लाक डाउन के पहले दिन से ही प्रभावित परिवारों की देखभाल में जुटा हुआ है। एक सैकड़ा से ज्यादा परिवारों के पेट भरने की जिम्मेदारी निभा रहा है।
बंगरा में तैनात लेखपाल मनीष आर्य प्रतिदिन उन परिवारों की देखरेख करते हैं जो प्रतिदिन कमा कर खाने वाले थे। इसके अलावा बंगरा में सडक़ पर काम करने के लिए आए बिहार के साठ मजदूर, आधा दर्जन लौहपीटा परिवार, झाड़ू बनाकर बेचने वाले, लाक डाउन के कारण फंसे दर्जन परिवारों को प्रतिदिन चिंता की जाती है। शासन से नाकाफी मदद के बाद लेखपाल अपने माध्यम से समाज के लोगों को प्रेरित कर इन्हें सूखा राशन, सब्जी पूड़ी आदि दिलवाकर कोरोना संकट से उबारने में लगे हुए हैं। लेखपाल के व्यक्तिगत संबंधों से एक सैकड़ा से ज्यादा परिवारों की मदद बंगरा में हो रही है।






Leave a comment