उरई। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ0प्र0 ने बेसिक शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते व अन्य भत्तों को रोके जाने के आदेश को वापस लेने के सम्बंध में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा है। ज्ञापन में बताया गया कि देश व प्रदेश में कोरोना महामारी (कोविड-19) की भयावहता के दृष्टिगत समस्त शिक्षकों व कर्मचारियों ने माह मार्च 2020 का एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में सहर्ष स्वैच्छा से दान किया है। इसके अतिरिक्त सभी शिक्षकों एवं कर्मियों द्वारा अपने व्यक्तिगत स्तर पर भी पीएम केयर फंड और मुख्यमंत्री कोविड केअर फंड तथा जिलाधिकारी राहत कोष में पर्याप्त आर्थिक सहयोग प्रदान किया है l उक्त के अतिरिक्त सभी के द्वारा अपने आस- पड़ोस में निवासरत गरीबों और मज़दूरों को आर्थिक सहयोग के साथ ही भोजन और भोजन सामग्री उपलब्ध करा कर केन्द्र और राज्य सरकार का अनवरत रूप से आर्थिक सहयोग किया जा रहा हैl
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 24 अप्रैल 2020 को आदेश जारी कर शिक्षकों व कर्मचारियों का महंगाई भत्ता व अन्य भत्तों पर जनवरी 2020 से जून 2021 तक रोक लगा दी गयी है। ऐसे समय में जब सभी शिक्षक और अन्य कर्मी कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सरकार की अपेक्षाओं से अधिक सहयोग कर रहे हैं तब मंहगाई भत्ता और अन्य भत्तों का काटना या बंद करने का औचित्य समझ से परे है।
सरकार के इस एकतरफ़ा निर्णय से शिक्षकों सहित अन्य राज्य कर्मियों को भारी निराशा हुई हैl
महासंघ के प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह जी ने मानवीय आधार पर मंहगाई भत्ता और अन्य भत्तों को बंद करने का जो निर्णय/ आदेश किया है, उसे राष्ट्र हित में निरस्त करने की मुख्यमंत्री से मांग की है l महासंघ की प्रदेशीय इकाई द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गये इस ज्ञापन की जिला इकाई के पदाधिकारियों ने सराहना की। ये जानकारी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की जिला इकाई के अध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान व महामंत्री इलयास मंसूरी द्वारा संयुक्त रूप से दी गयी।






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