झांसी। बुन्देलखंड के झांसी मंडल में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या आधा सैकड़ा पार कर चुकी है। इस मंडल में कोरोना दबे पांव हमला कर रहा है, जो इस बात से जाहिर करता है कि झांसी में एक भी मरीज में कोई ऐसे लक्ष्ण नहीं थे जिससे अंदेशा किया जा सके कि वह कोरोना मरीज है। मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ने से मंडल के सभी जिलो में बेचैनी की स्थिति है। इसे देखते हुए लोगों को अब तो संभल जाना चाहिए। ताकि वे अति आत्मविश्वास में न रहकर शरीरिक दूरी और मास्क पहनकर बाहर निकलने की हिदायतों का पालन करें।
पहले कोरोना से अछूते नजर आ रहे बुन्देलखंड में अब इसका कहर सबसे ज्यादा बरस रहा है। आंकड़ो पर गौर करें तो झांसी में अभी तक 20 मरीज प्रकाश में आ चुके हैं। जिनमें से दो की मौत हो गई है। हालांकि तीन मरीजों की हालत में सुधार है। जालौन में 30 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है। जिनमें से एक सरकारी चिकित्सक की आज ही लखनऊ केजीसीएम हास्पिटल में उपचार के दौरान मौत हो गई है। उनकी पत्नी भी कोरोना संक्रमित हो गईं थी, पर आज की दो जांचों में वे निगेटिव पाईं गईं हैं। केसीसीएम के सूत्रों का कहना है कि उन्हें कल डिस्चार्ज कर दिया जायेगा। ललितपुर में भी एक कोरोना पाॅजिटिव पाया गया था। जिसकी मौत हो चुकी है।
झांसी मंडल में कोरोना पाॅजिटिव पाए गये अधिकांश लोगों में सबसे खतरनाक बात यह है कि उनमें संक्रमण के लक्षण कोई उजागर नही होते हैं। लेकिन उनके नमूने लेकर परीक्षण करने पर वे पाॅजिटिव पाए जा रहे हैं। कोरोना के इस रुख के कारण तीनों जिलों में भय और चिंता का माहौल है। जरासी शारीरिक परेशानी होने पर लोगों को बहम होने लगाता है कि कहीं उनकों कोरोना तो नहीं हो गया। यहां तक कि प्रशासन और पुलिस भी इस भय के घेरे में आ चुकी है।
झांसी टाईम्स और जालौन टाईम्स की लोगों से गुजारिश है कि वे अब तो कम से कम सदबुद्धि का परिचय दें। बेवजह घर से बाहर न निकलें, घर में हो या बाहर शरीरिक दूरी के नियमों को पालन करें। मुंह पर मास्क बांधे रहें और बार-बार हाथ धोते रहें। कोरोना से बचाव ही उसका सबसे बड़ा उपचार है।






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