पिरौना बार्डर पर रोके गए थे हजारों प्रवासी मजदूर
एट। महाराष्ट्र गुजरात से पैदल आ रहे सैकड़ों प्रवासी कामगार मजदूरों को आज एट पुलिस ने तेज धूप में पिरौना जालौन झांसी बार्डर पर रोक लिया जिससे हाइवे पर सैकड़ों मजदूर जमा हो गए। मजदूरों के जमा होने से वहां के हालात बेकाबू हो गए। मजदूरों को भारी संख्या को आता देख एट पुलिस द्वारा इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक डा. अवधेश सिंह, कोंच सीओ और उरई सीओ के साथ कोटरा और कोंच कैलिया पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने पांच हजार के लगभग सभी मजदूरों को बार्डर पर रोक दिया और उनको समझाया कि सभी लोगों को बसों द्वारा उनके गृह जनपद भेजा जाएगा। इस आश्वासन पर प्रवासी शांत हो गए और उस समय का इंतजार करने लगे जब उन्हें बसे लेने आएंगी। चिलचिलाती धूप में घंटो बैठने के बाद जब कोई भी उनकी खैरियत लेने नहीं आया तो मजदूरों ने पुलिस पर पथराव कर दिया जिसमें थानाध्यक्ष कैलिया व एक पुलिस कर्मी घायल हो गए। जवाब में पुलिस ने भी हल्का बल प्रयोग किया जिससे भगदड़ मच गई और कुछ मजदूर उस भगदड़ में चुटहिल हो गए। हालांकि बाद में पुलिस ने सभी मजदूरों को समझाबुझाकर शांत कराया। इस दौरान एट थानाध्यक्ष अरुण तिवारी, डकोर थानाध्यक्ष बीएल यादव, नदीगांव थानाध्यक्ष दिवाकर भी लोगों को समझाते नजर आए।
जनपद में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढऩे के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हो गया है और वह किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहता है। इसी को लेकर आज झांसी की ओर पैदल वाहन साइकिलों से आ रहे सैकड़ों मजदूरों को झांसी जालौन बार्डर पर ही रोक लिया गया और सभी को जालौन की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया। मजदूरों की तादाद को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है जिससे कोई भी जालौन की सीमा में प्रवेश न कर सके। बता दें कि महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश में लाक डाउन के कारण फैक्ट्रियां बंद हो जाने से मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है और काम न मिलने के कारण इन इलाकों से कामगार प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घर जाने के लिए सफर कर रहे हैं जिससे वह अपने घर पहुंच सकें लेकिन जनपद में बढ़ती संख्या को देखते हुए उन्हें बार्डर पर ही रोक दिया गया। बता दें कि इन मजदूरों की सूची प्रशासन बना रहा है जिससे उनके बारे में पता किया जा सके और शासन को उनकी सूची भेजी जा सके। फिर उन्हें उनके जनपद में पहुंचाया जा सके। चिलचिलाती धूप में घंटो बैठने के बाद जब इनके लिए कोई व्यवस्था नहीं हुई तो ये अपना आपा खो बैठे और सैकड़ों मजदूरों ने बार्डर पर तैनात पुलिस बल पर पथराव कर दिया जिसमें थानाध्यक्ष कैलिया योगेंद्र पटेल व कांस्टेबिल नीतू सिंह घायल हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और मजदूरों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वो अपनी जिद पर अड़े थे कि उनको हर हाल में यहां से जाने दो। समझाने के बाद भी मजदूर नहीं माने और पुलिस से अभद्रता और पथराव करने लगे जिस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए मजदूरों को खदेड़ दिया जिससे कई मजदूर भागते समय गिर पड़े।

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