
माधौगढ- बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए शासन ने सख्त गाइडलाइन जारी करते हुए उनकी थर्मल स्क्रीनिंग होना अनिवार्य किया है,क्योंकि ज्यादातर बाहर से आने वाले लोग ही खतरा बने हुए हैं। ऐसे में अगर उनके बीच सोशल डिस्टेंस नहीं हुई तो यह खतरा विकराल हो सकता है। उसके बावजूद प्रशासन की लापरवाही से सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों की मेडिकल जांच के दौरान मेला सा नजारा दिखाई दिया। पुलिस से लेकर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को इस बात की चिंता नहीं थी कि इतनी भीड़ होने के बाद उनके बीच सोशल डिस्टेंस का पालन कराया जाए। लंबी- लंबी महिलाएं और पुरुष की कतारें, जिनमें सोशल डिस्टेंस कहीं नजर नहीं आ रहा था बल्कि लोग एक दूसरे को धक्का-मुक्की करते नजर आ रहे थे। ऐसे में कोरोना से बचना असंभव सा दिख रहा था। भगवान ना करे कि कोई भी व्यक्ति संक्रमित पाया जाए अन्यथा स्थिति भयावह हो सकती है। ऐसा ही हाल बाजारों में है,जहां सोशल डिस्टेंस का कोई नियम दिखाई नहीं दे रहा। सैकड़ों की भीड़ आम दिनों की भांति आवाजाही करने में जुटी हुई है। यहां तक कि लोग मुंह ढकने की भी जरूरत नहीं समझ रहे हैं। बाजार में ज्यादातर महिलाएं खुले मुंह से बाजार आ रही हैं।
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