उरई। चौकी इंचार्ज के भ्रष्टाचार और दुर्व्यवहार के खिलाफ रामपुरा थाना क्षेत्र के जगम्मनपुर में जनाक्रोश फूट पड़ा है। एक भुक्तभोगी ने गुरुवार को व्यापार मंडल के पदाधिकारियों व अन्य संभ्रात लोगों के साथ जिला मुख्यालय पर आकर पुलिस अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया।
लाक डाउन में जहां पुलिस की सेवा भावी भूमिका ने खाकी को जनमानस में नयी पहचान दी है वहीं कुछ पुलिस कर्मी विभाग की बदनाम छवि को फिर से हरा करने से बाज नही आ रहे। इन कारनामों के लिए चर्चित हो रहे पुलिसियों में एक नाम है रामपुरा थाने की जगम्मनपुर पुलिस चौकी के इंचार्ज भगत सिंह बौद्ध का।
ग्रामीणों के अनुसार भगत सिंह बौद्ध पर जातिगत दुर्भावना का संताप चढ़ा रहता है। साथ ही वे सीमा पार से आने वाले ईंटों से लोड ट्रैक्टरों को इंट्री देने की डयूटी बजाकर बोनस कमाने में भी पूरी तन्मयता से जुटे हैं।
जगम्मनपुर निवासी अनिल कुमार मिश्रा के अनुसार गत 18 मई को जब वे रात लगभग 10 बजे खेती के अपने साझीदार के घर से अनाज का हिसाब करके आ रहे थे तभी अस्पताल के पास हनुमान मंदिर के सामने ईंटों से लोड चार ओवर लोड ट्रैक्टरों को पास देने में तल्लीन भगत सिंह की निगाह उन पर पड़ी। उनके मुताबिक चौकी इंचार्ज तरंग में भी थे। उधर उन्होंने रास्ता मांगने के उददेश्य से अपनी मोटर साइकिल का होर्न बजा दिया जिस पर भगत सिंह का ईगो फुफकार उठा। उन्होंने एक सांस में अनिल कुमार को तमाम गालियां बक दीं। इसी बीच अनिल कुमार ने जब यह परिचय दिया कि वे प्रधान राहुल मिश्रा के चाचा हैं तो बौद्ध की बौखलाहट चरम सीमा पर पहुंच गई। पूरी ब्राहमण कौम को गालियां देते हुए प्रतिशोध की अपनी कुंठा पूरी करने के लिए चौकी इंचार्ज ने उन्हें कई डंडे जड़ दिये।
अनिल कुमार मिश्रा की गिनती जगम्मनपुर गांव के प्रतिष्ठित लोगों में है। इस सार्वजनिक अपमान की वेदना के कारण वे आत्मघाती कदम उठाने को तैयार हो गये थे। लेकिन गांव के अन्य लोगों ने उन्हें किसी तरह समझा कर रोक लिया। इसके बावजूद अनिल कुमार मिश्रा की स्थिति सामान्य नही हो पा रही है। गांव वाले सांत्वना देते हुए आज उन्हें शिकायत करने के लिए जिला मुख्यालय लाये। तांकि अधिकारियों से भगत सिंह बौद्ध के खिलाफ उनकी बदतमीजी के लिए कार्रवाई कराकर अनिल कुमार मिश्रा को राहत दिला सकें।






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