कालपी। रमजान शरीफ के अलविदा जुमा व ईद की नमाज के ताल्लुक से आज गुरुवार को हजरत मौलाना सैयद गयासुद्दीन मियां के मदरसे जामिया अहले सुन्नत जिया उल उलूम में शहर के कुछ उल्मा ए किराम व इमामों की एक बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता गयासुद्दीन मियां ने की।
बैठक में सबकी राय से तय पाया गया कि अहले सुन्नत का मरकज बरेली शरीफ है और उसी के आधार पर हम लोगों ने ये तय किया है जैसे लाक डाउन की सूरत में अभी तक पांच वक्तों की और जुमा की नमाज पढ़ी जा रही है तो ये अलविदा जुमा में भी आप लोग उसी तरह चंद लोग ही मस्जिदों में नमाज अदा करें बाकी लोग अपने घरों में ही जुहर अदा करें। सैयद गयासुद्दीन मियां ने कहा कि आप लोग ईद में नए कपड़े न खरीदें पुराने कपड़ों को पहनकर ही ईद मनाएं और अपनी इस रकम से गरीबों मजलूमों की मदद करें। बड़ी मस्जिद के इमाम हाफिज इरशाद अशरफी ने कहा कि हमारे बड़े रहनुमाओं ने हुकूमत से मांग की थी कि हमें अलविदा जुमा व ईद की नमाज पढऩे की इजाजत दी जाए मगर हुकूमत की तरफ से कहीं किसी को भी इसकी इजाजत नहीं दी गई लिहाजा सभी मुसलमानों को इस पर अमल करना जरूरी है। मुफ्ती अशफाक ने कहा कि यह ईद का मौका खुशी का होता है इसमें लाक डाउन का ख्याल करते खुशी मनाएं। बैठक में मुफ्ती अहमद रजा, मौलाना जियाउद्दीन, हाफिज अमानत हाफिज गुलाम जिलानी, हाफिज हुसैन बेग, हाजी मुजीब अल्लामा शामिल रहे और सभी ने इस पर अमल करने की आवाम से अपील की है।






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