पुलिस की तत्परता से बची मासूम की जान
कालपी। कालपी कोतवाली क्षेत्र के महेवा विकास खंड के यमुना पट्टी के ग्राम देवकली में कलयुगी बाप ने अपने इकलौते मासूम बच्चे के हाथ पैर बांधकर रात के अंधेरे में यमुना किनारे सुनसान जगह पर फेंक दिया। गांव वालों की मौजूदगी में पुलिस उपाधीक्षक व कोतवाली प्रभारी निरीक्षक के निर्देश पर हलका इंचार्ज ने पुलिस फोर्स के साथ कड़ी मेहनत के बाद रात दो बजे बच्चे को सकुशल बरामद किया तथा बच्चे की डाक्टरी कराकर कलयुगी पिता को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की।
मिली जानकारी के अनुसार शेर सिंह (28 वर्ष) पुत्र खेमचंद निषाद के दो बच्चे हैं जिनमें एक दो वर्षीय लडक़ा तथा एक मासूम लडक़ी है लेकिन गुरुवार की शाम को उसने अपने कलेजे के टुकड़े लगभग दो वर्षीय पुत्र कृष्णा के निर्दयतापूर्वक हाथ पैर बांधकर यमुना किनारे घने जंगल में मरने के लिए फेंक दिया। जब काफी देर तक बच्चा दिखाई नहीं दिया तो उसकी मां गांव मोहल्ले में खोजबीन करने लगी। काफी खोजबीन के बाद के बाद बच्चे का कोई सुराग नहीं लगा तब किसी ने बताया कि छह बजे के आसपास शराब के नशे में धुत शेर सिंह बच्चे को लिए था। जब परिजनों ने उससे पूछताछ की तो उसने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया तब ग्रामीणों ने कोतवाली पुलिस को सूचना दे दी। मामला संवेदनशील होने के कारण पुलिस उपाधीक्षक राहुल पांडेय व कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मानिक चंद पटेल के निर्देश पर रात्रि में ही सूचना पाकर तुरंत मौके पर पहुंच गए। मय फोर्स के हलका इंचार्ज अशोक कुमार व सिपाही गोपाल व अंकित पांडेय ने पूछताछ शुरू की तो उनको शेर सिंह पर शक हुआ। काफी देर तक पूछताछ में वह न नुकुर करता रहा। बाद में जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने सारा सच उगल दिया और बच्चे का पता पुलिस को बता दिया। घटना स्थल पर एक सैकड़ा लोगों के साथ जब पुलिस पहुंची तो वहां का मंजर ऐसा था कि देखकर पत्थर दिल इंसान का भी दिल कांप उठे। मासूम बच्चे के हाथ पैर बंधे थे और वह बैठा कांप रहा था। जब उसे किसी के आने की आहट मिली तो वह चीखने लगा तभी उपनिरीक्षक अशोक कुमार ने बच्चे को गोद में उठाकर उसके हाथ पैर बंधन से मुक्त किए औऱ बच्चे को उसकी मां को सौंप दिया। बताया जाता है कि पति पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था जिसके बाद पति ने नशे में धुत होकर घटना को अंजाम दिया। पुलिस बच्चे की डाक्टरी कराई है। वहीं हलका इंचार्ज की इस कार्यशैली की क्षेत्रीय लोग सराहना करते नजर आए क्योंकि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई होती तो शायद मासूम बच्चे को जंगली जानवर नुकसान पहुंचा सकते थे। पुलिस ने नशेड़ी बाप को जेल भेज दिया।

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