जालौन। बिना तंबाकू मिश्रित गुटका पर लगी रोक को खाद्य विभाग ने हटा दिया है। इसके बाद नामचीन कंपनियों के साथ छोटे ब्रांड के गुटका भी बाजार में उपलब्ध हो गए हैं। इसके बाद भी बाजार में गुटका की कालाबाजारी हो रही है। बाजार में गुटका निर्धारित मूल्य से दोगुनी व तिगुनी कीमत पर बिक्री हो रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार इन मुनाफाखोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को देखते हुए खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन ने 25 मार्च को प्रदेश में गुटका की बिक्री पर रोक लगा दी थी। आयुक्त अनीता सिंह ने 6 मई को गुटका की बिक्री पर लगी रोक को हटा दिया था। रोक हटने के बाद गुटका का कारोबार शुरू हो गया था। नगर में नामचीन कंपनियों के अलावा छोटी छोटी कंपनियों के बिना तंबाकू मिश्रण के गुटका बाजार में उपलब्ध हैं। माना जा रहा है कि एजेंसी धारकों पर पर्याप्त मात्रा में गुटका उपलब्ध होने के बाद भी वह कमी बता कर मनमर्जी से रुपए वसूल रहे हैं। मजे की बात तो यह है गुटका बंदी के दौरान बाजार में आए मिश्रित गुटका ने भी अपनी पकड़ बना ली और उसकी भी मांग शुरू हो गई। बढ़ी मांग को देखते हुए मुनाफाखोरों ने इसकी कालाबाजारी शुरू कर दी है। हालत यह है कि नगर में एक नामचीन कंपनी का गुटका पांच वाला पंद्रह में दस वाला पच्चीस में और बीस वाला पचास से साठ रुपए तक बिक रहा है। गुटका के साथ ही तंबाकू, बीड़ी व सिगरेट के भी मूल्य से अधिक दामों पर बिक रही है। इस संदर्भ में खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल प्रताप सिंह ने कहा कि कालाबाजारी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो लोग मौके का फायदा उठाकर कालाबाजारी कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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