
उरई। काम करने का जुनून हो तो न तो पद छोटा होता है और न कोई कोई मंजिल कठिन होती है। लगन से व्यक्ति हर उस मुकाम तक पहुंच सकता है जो कभी असंभव सा लगता था। जनपद जालौन ने एक बार फिर राष्ट्रीय पटल पर झंडा गाड़ दिया है। पंचायतों के क्षेत्र में नित नए प्रयोग कर रहे अकबरपुर इटौरा के ग्राम प्रधान अमित इतिहास ने एक बार फिर जनपद सहित प्रदेश का भी मान बढ़ाया है और एक कीर्तिमान स्थापित किया है। अमित इतिहास ने इस वर्ष पंचायतों से जुड़े एक साथ तीन राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल कर देश की पंचायतों में प्रथम स्थान हासिल कर लिया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने एक राष्ट्रीय अवार्ड को लगातार तीसरी बार हासिल कर हैट्रिक लगा दी है। उनकी इस उपलब्धि से गांव सहित समूचा जनपद गौरवान्वित व उत्साहित है। लोग उत्साहित हैं कि जनपद के एक ग्राम ने राष्ट्रीय पटल पर न सिर्फ स्थान बनाया बल्कि टाप वन पर भी पहुंचा है।
भारत सरकार द्वारा पंचायतों में बेहतर तथा क्षेत्र विशेष पर काम करने वालों को अवार्ड तथा धनराशि से सम्मानित किया जाता है। जनपद के अकबरपुर इटौरा ग्राम प्रधान अमित इतिहास को यूं तो पहले भी भारत सरकार ने लगातार दो बार दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है लेकिन इस बार इस ग्राम ने इतिहास ही रच दिया। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले राष्ट्रीय पुरस्कारों की श्रंखला में एक साथ तीन अवार्ड इस ग्राम के खाते में आ गए जो देश में एक कीर्तिमान है। अमित इतिहास का चयन चाइल्ड फ्रेंडली अवार्ड , जीपीडीपी अवार्ड और दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार के लिए एक साथ हुआ। इतना ही नहीं लगातार तीसरी बार दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण अवार्ड हासिल कर हैट्रिक लगा दी। अमित इतिहास ने पंचायत व पर्यावरण कर क्षेत्र में कई प्रमुख कार्य किए जिसके लिए उन्हें दो बार विदेश में भी सम्मानित किया गया। पर्यावरण व जल संरक्षण सहित पंचायतों के ट्रेनिंग सेंटर के रूप में अकबरपुर इटौरा को माडल बनाया जा रहा है। अमित ने विलेज पंचायत एम्पावरमेंट इंस्टीट्यूट की स्थापना भी की है और पंचायत लर्निंग सेंटर के माध्यम से वह लोगों को पंचायती राज व्यवस्था की निरंतर जानकारी दे रहे हैं। अमित इतिहास के पास करीब दर्जन भर प्रशिक्षित लोगों की टीम है जो पंचायती राज व्यवस्था को आम लोगों को समझाने व उन्हें कार्यक्रमों से जोडऩे पर कार्य करती है। इस उपलब्धि से ग्राम सहित समूचा जनपद उत्साहित है। अमित इस उपलब्धि का श्रेय ग्रामवासियों, सहयोगियों व प्रशासनिक अधिकारियों को देते हैं। उनका मानना है कि सफलता सामूहिक रूप से अर्जित होती है न कि व्यक्तिगत रूप से।
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डीएम का अच्छा कर रहे हो कहना बहुत उत्साहित करता था
देश दुनिया में नाम कमा चुके अमित इतिहास का कहना है कि पंचायत स्तर पर कार्य करने में बहुत चुनौतियां हैं। हर दिन कुछ न कुछ समस्या आती रहती है। कई बार तो स्थिति बहुत खराब हो जाती है जिसे सही करने में भी गांवदारी की राजनीति भी होने लगती है। वह इस प्रकार की बहुत सी समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी से मिलते रहे हैं। उनका कहना है कि जिलाधिकारी की एक लाइन हमेशा उन्हें प्रेरित करती रही है कि अच्छा कर रहे हो करते रहो। अच्छे काम में समस्याएं तो आती ही हैं। संघर्ष के बिना कुछ बड़ा हासिल नहीं होता। इतना सुनते ही उनके अंदर फिर से कुछ बड़ा करने तथा चुनौतियों का सामना करने ही हिम्मत आ जाती थी।






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