
लखनऊ। शुक्रवार को सुबह कानपुर जिले के शिवली थाना क्षेत्र के विकरू गांव में कुख्यात अपराधी के हाथों सीओ सहित आठ पुलिस कर्मियों के शहीद हो जाने की घटना ने समूचे प्रदेश को स्तब्ध करके रख दिया है। इसी बीच पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले बदमाश के मामा सहित उसके 2 साथियों को मुठभेड़ में ढेर करने का दावा किया है। चर्चा तो इस कांड के मुख्य सूत्रधार विकास दुबे के भी पुलिस एनकांउण्टर में मारे जाने की है लेकिन अभी तक ऐसी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। लखनऊ से पुलिस के उच्चाधिकारियों को कानपुर भेजा गया है और उनसे कहा गया है कि विकास दुबे के मारे जाने तक वे कानपुर में ही कैम्प करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि देने कानपुर पहुंचे। उन्होंने पुलिस कर्मियों के परिजनों को एक-एक करोड़ मुआवजा देने की घोषणा की। साथ ही कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार बदमाशों को कड़ी सजा दी जाएगी।
शहीद पुलिस कर्मी
1. देवेन्द्र मिश्रा क्षेत्राधिकारी बिल्हौर निवासी महेवा थाना गिरवा जिला बांदा
2. उपनिरीक्षक महेश चन्द्र यादव निवासी ग्राम बनपुरवा थाना सरैनी जिला रायबरेली
3. उपनिरीक्षक अनूप कुमार सिंह निवासी ग्राम बेलखरी उसराहार थाना मान्धाता जिला प्रतापगढ़
4. उपनिरीक्षक नेबू लाल निवासी ग्राम मीती थाना हडि़या जिला प्रयागराज
5. आरक्षी जितेन्द्र पाल निवासी ग्राम बरारी थाना रिफायनरी जिला मथुरा
6. आरक्षी सुल्तान सिंह निवासी ग्राम मऊरानीपुर जिला झांसी
7. आरक्षी बबलू कुमार निवासी ग्राम पोखर पाण्डे थाना फतेहाबाद जिला आगरा
8. आरक्षी राहुल कुमार निवासी ग्राम सी-205, देवेन्द्रपुरी थाना मोदी नगर जिला गाजियाबाद
इनके अलावा 8 पुलिस कर्मी घायल हैं जिनका रीजेन्सी में इलाज चल रहा है।
कौन है विकास दुबे
विकास दुबे के खिलाफ 60 केस दर्ज हैं जिनमें कई हत्या और हत्या के प्रयास के हैं। सन 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त इसने सन्तोष शुक्ला की थाने के अन्दर घुसकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद इसका नाम सुर्खियों में छा गया था। बाद मंे इस मामले में पुलिस की कमजोर पैरवी के कारण यह अदालत से बरी होने में सफल हो गया था। इसके ऊपर 25000 रुपए का इनाम दर्ज था। राहुल तिवारी नाम के एक शख्स ने विकास दुबे पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। बीती रात कई थानों की पुलिस इसी मामले में विकास दुबे के गांव में दबिश देने गई थी तभी अत्याधुनिक असलहों से फायरिंग करके उसने आठ पुलिस कर्मियों को शहीद कर दिया।






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