
कालपी – उरई | बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच – युवा शक्ति वालंटियर्स की टीम ने कालपी तहसील पहुँचकर उप-जिलाधिकारी को एक मांगपत्र / ज्ञापन सौंपा जिसमे कोरोना महामारी के चलते कालपी तहसील के विभिन्न गावं में पलायन से वापस लौटे प्रवासी मजदूरों व गावों में कोरोना से प्रभावित परिवारों तक कोरोना (लॉकडाउन) की विशेष योजनाओं की पहुँच व लाभ हेतु बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच – युवा शक्ति की ग्राम स्तरीय टीम द्वारा तहसील क्षेत्र के 44 गाँव में की गयी आंकलन रिपोर्ट शामिल है |
विभिन्न गावं से आये संगठन के वालंटियर्स – रीता, कल्पना, संगीता, राजकुमार, राजेश, रामकुमार, रामसिंह, दिलीप, प्रीती, पूजा, रुकसाना, म्रत्यांजलि ने कहा कि कोरोना महामारी (लॉकडाउन) के दौरान भी हमारे गाँव में कई परिवारों को अपने गावं की सरकारी राशन की दुकान(कोटा) से राशन नहीं मिला है एवं कुछ लोगों के पास राशन कार्ड भी नहीं है व कुछ लोगों के नाम राशन सूची से काट दिए और राशन नहीं मिला है? सरकार ने सभी को 3 महीने फ्री राशन देने को कहा था, जिसमे बहुत सारे परिवारों को राशन मिला है लेकिन कई परिवार है जो की राशन से वंचित रह गए है | इसमें पलायन से वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के परिवार भी शामिल है.| इससे पहले गाँव-गाँव से इस मांग पत्र को लेकर सप्लाई इंस्पेक्टर कालपी को अपने नाम हस्ताक्षर एवं सूची के साथ रजिस्टर्ड डाक से पत्र भी भेजे है|
टीम युवा शक्ति के साथियों ने सरकार से आग्रह किया है कि केंद्र एवं राज्य सरकारे सभी योजनाओं की विशेष निगरानी समिति बनाकर लोगों को लाभ दिलवाने का काम करें। बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के संयोजक कुलदीप कुमार बौद्ध के अनुसार बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच – युवा शक्ति की टीम ने कालपी क्षेत्र के 44 गावं में अपने वालंटियर्स के माध्यम से जिनको कोरोना लॉकडाउन के दौरान जिन स्कीमों का लाभ मिला व जिनको नहीं मिला दोनों का आंकलन किया है जिसमें निकलकर आया कि 44 गावं के 484 राशन से बंचित व 438 नाम कटे है | साथ ही पलायन से वापस लौटे 1396 प्रवासी मजदूरों से बात की गयी. इस दौरान प्रमुख रूप से – कंचन,अजीत, धर्मपाल, सुरजीत, पंचम, ओमेन्द्र, विमल, राजकुमार, रमेश आदि मौजूद रहे!
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