
उरई | बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच – युवा शक्ति वालंटियर्स की ग्राम स्तरीय टीम ने आज ज़िलाधिकारी कार्यालय पहुँचकर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को 3 सूत्रीय मांगपत्र / ज्ञापन देते हुये कोरोना महामारी (लॉकडाउन) के चलते जनपद के विभिन्न गावों में पलायन से वापस लौटे प्रवासी मजदूरों व मनरेगा योजना को लेकर बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच – युवा शक्ति की ग्राम स्तरीय टीम द्वारा जनपद के 48 पंचायतों में की गयी स्टडी / आंकलन की रिपोर्ट को सौंपा!
गावं के कोरोना महामारी के कारण बापस लौटे मजदूरों के साथ बातचीत एवं स्टडी करने बाले संगठन के वालंटियर्स – प्रीति- बीजापुर, कंचन निभाना, रामकुमार- उरकरा, रीता- नरहान, संगीता, नाका, पूजा – कठपुरवा, राजेश – मगरोल, रामसिंह – चुर्खी, धर्मपाल – मडैया ने कहा कि कुछ लोगों को तत्काल काम की जरूरत है. कुछ लोग जॉबकार्ड बनवाना चाहते हैं ताकि वे मनरेगा में काम कर सकें. दूसरी ओर पलायन से लौटने के पश्चात जिन लोगों ने काम किया उनका भुगतान भी रुका हुआ है. आज हम सभी अपने गाँव के प्रवासियों की तरफ से जिलाधिकारी कार्यालय पर ज्ञापन देने आये हैं. इससे पहले गाँव और समुदाय की ओर से लिखित पत्र रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को भेज चुके हैं.
बुन्देलखण्ड दलित अधिकार मंच – टीम युवा शक्ति के साथियों ने शासन-प्रशासन से आग्रह किया है कि कोरोना महमारी एवं सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन ने एक तरफ़ पूरे देश के प्रवासियों की आर्थिक कमर तोड़ दी है. इसी क्रम में बुन्देलखण्ड के जनपद जालौन में पलायन से लौटे मजदूरों की हांलत भी भुखमरी जैसी है, बुन्देलखण्ड दलित अधिकार मंच एवं युवा शक्ति की टीम ने 48 गाँव के 1503 पलायन से वापस से लौटे परिवारों के साथ मिलकर एक अध्ययन पर काम किया. जिसमे 835 लोगों ने जॉबकार्ड न होने की बात कही, आर्थिक कमजोरी के चलते 314 को तत्काल काम की जरूरत है. पलायन से वापस लौटने के बाद 312 लोगों ने मनरेगा मजदूरी का भुगतान न होने की समस्या से अवगत कराया है.
इस दौरान प्रमुख रूप से – सुनीता लाकरा, आशीष कुमार, नन्द कुमार, म्रत्यांजलि, दिलीप, रुखसाना, सुरजीत, पंचम, ओमेन्द्र, विमल, रमेश, संजय बाल्मीकि, श्रीकांत, हरी कृष्ण आदि मौजूद रहे!






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