उरई. बरसात के मौसम ने पंचायतों के जरिये ग्रामीण विकास के दावे की कलई खोल कर रख दी है. बड़े विकास तो छोड़िये जल निकासी के लिए नाली निर्माण जैसे बुनियादी काम का भी पुरसाहाल नहीं है. इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदार माना जा रहा है जो पंचायतों की मानीटरिंग करने के बजाय उनके फंड की प्रधानों के साथ बंदरबांट में अपनी पूरी ऊर्जा खपाये रहते हैँ.
इसकी बानगी जालौन विकास खंड के सहाव में देखी जा सकती है जहां रास्ता कीचड और गंदे पानी से लबालब हैँ. छोटे खान के दरवाजे से हरि नारायण चौधरी के दरवाजे तक का आलम इसका गवाह है. साधन सहकारी समिति, बैंक और प्रायमरी स्कूल के सामने भी रास्ते में कीचड और पानी के के कारण गुजरना मुश्किल है. यही दुर्दशा शोभन सरकार मंदिर के सामने, बड़ी माता मंदिर के सामने है. अधिकारियों को पंचायत की इस कारगुजारी पर गौर फरमाने की फुर्सत नहीं है.






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