उरई। जनपद में कोरोना  का भय लोगों में धीरे धीरे दिखने लगा है। प्रशासन को जो मशक्कत शुरूआत के दौर में उठानी पड़ रही थी उसमें हद तक कमी आई है। जागरूक जनता अपनी सुरक्षा के लिए मास्क के साथ साथ सेनेटाइजर रखना नहीं भूल रहा है। वहीं दूसरी ओर जिले में कोरोना टेस्ट में हो रही देरी से लोग परेशान हैं। जिस रिपोर्ट को तीन से चार दिन में आना चाहिए उसमें आठ से दस दिन लग रहे हैं।
शुरूआती समय में यह देखा भी गया कि जो भी नमूने टेस्टिंग के लिए लैब भेजे जाते थे उनकी रिपोर्ट तीन से चार दिन में प्राप्त हो जाती थी लेकिन जैसे जैसे मरीज बढ़े तो नमूने भी अधिक लिए गए और अब वैसे वैसे रिपोर्ट आने में देरी हो रही है। इससे जो व्यक्ति संक्रमित है उसके हिसाब से तो ठीक है कि वह आठ से दस दिन तक होम क्वारंटीन में रहता है लेकिन 90 से 95 फीसदी लोगों को भी इसी हाल में रहने को मजबूर होना पड़ता है। प्रशासन के अनुसार कोरोना टेस्टिंग के लिए नमूने शुरूआती दौर में झांसी मेडिकल कालेज भेजे जाते थे लेकिन मौजूदा समय में कानपुर के मेडिकल कालेज में भेजे जा रहे हैं। बता दें कि अभी 16 जुलाई को भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट नहीं आई है। 16 जुलाई के सत्तर नमूनों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इसी प्रकार 17 जुलाई के सभी 274 नमूनों की रिपोर्ट आना शेष है। 18 जुलाई को 217 और 19 जुलाई को 85 नमूने भेजे गए थे जिन सभी की रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है। 20 जुलाई को जो नमूने स्वास्थ्य विभाग द्वारा कानपुर लैब भेजे गए थे उनकी भी रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है। हालांकि 21 जुलाई को भी नमूने भेजे गए थे जिनकी प्रशासन द्वारा संख्या उपलब्ध नहीं कराई गई। वहीं जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर ने इस संबंध में बताया कि जिले के लगभग 600 से 700 नमूनों की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। उन्होंने भी माना कि रिपोर्ट आने में देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि पूर्व में कोरोना टेस्टिंग की रिपोर्ट तीन से चार दिन में आ जाती थी लेकिन अब सभी जगह मरीज बढऩे से लैब में अधिक टेस्टिंग हो रही है जिसकी वजह से रिपोर्ट देर में आ पा रही है।

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