
जनसंख्या नियंत्रण कानून के प्रारूप सम्बंधित एक प्रस्तावित ड्राफ्ट प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश व लोकसभा अध्यक्ष आदि तक भेजा जाएगा
उरई। जन उद्घोष सेवा संस्थान के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप तिवारी के द्वारा लखनऊ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाईन परिचर्चा का आयोजन किया गया। कई प्रदेशों से लोगों ने सहभागिता की जिसमें भारत में जनसँख्या नियन्त्रण कानून लागू कराने और इसके प्रारूप को लेकर लोगों ने अपनी राय रखी।
ऑनलाइन परिचर्चा में दिल्ली से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन, लखनऊ उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शिशिर चतुर्वेदी, अधिवक्ता प्रयागमती गुप्ता, फतेहपुर से अधिवक्ता अमित कुमार तिवारी, लखनऊ विश्वविद्यालय की सांख्यिकी विभाग की प्रोफेसर शीला मिश्रा, राज्य मंत्री एवं उ.प्र. रिमोट सेंसिंग एंड एप्लीकेशन सेंटर के अध्यक्ष सुधाकर त्रिपाठी सहित समाज के अनेकों विद्वानों, विरिष्ठ एवं प्रबुद्ध जनों ने सहभागिता की।
जन उद्घोष सेवा संस्थान गत कई वर्षों से भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू कराने को लेकर संघर्षरत है एवं समाज के प्रत्येक वर्ग को जागरूक करने हेतु हर सम्भव प्रयास करता आया है। चर्चा में सम्मिलित अधिवक्ताओं की पूरी टीम व अन्य वक्ताओं ने इस बिल के प्रारूप को लेकर अपने विचार रखे जिसके अंतर्गत, दो बच्चों से अधिक होने पर माता पिता व आगे की संतानों को वोटिंग के अधिकार, सरकारी सुविधाओं सब्सिडी, वजीफ़ा, सरकारी नौकरी इत्यादि से वंचित कर दिया जाए। व्यक्तिगत रूप से लागू हो तथा तीसरी या अधिक संतान पर प्रति सन्तान चाइल्ड टैक्स का प्रावधान किया जाए। सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा जन समुदाय को अध्यक्ष कुलदीप तिवारी ने कहा कि एक प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने के पश्चात सभी वर्गों द्वारा उसका कड़ाई से पालन कराया जाना अधिक महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान की तरफ से जनसंख्या नियंत्रण कानून के प्रारूप सम्बंधित एक प्रस्तावित ड्राफ्ट प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश व लोकसभा अध्यक्ष आदि तक भेजा जाएगा।
दिल्ली से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने कहा कि एक ऐसे देश में जनसंख्या पर बहस अपरिहार्य है जो वर्तमान में सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन को पीछे छोड़ने वाला है।
लखनऊ उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी है। बढ़ती जनसंख्या पर्यावरण को प्रभावित करती है।
राष्ट्रीय संगठन सचिव प्रवीण कंचन ने कहा कि जनसंख्या विस्फोट हो चुका है और इस तथ्य पर कोई तर्क नहीं हो सकता। लोगों के लिए बेहतर जीवन में बाधा उत्पन्न करने वाली समस्याओं को हल करना जरूरी है।
महासचिव दीपक प्रकाश शुक्ल ने कहा कि आज अधिकतर आबादी शहरों में रह रही है। ग्रामीण इलाकों में बच्चा खेत पर काम करके परिवार की मदद कर सकता है, लेकिन शहरों में एक बच्चा आर्थिक दायित्व बन जाता है।
संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभाकर शर्मा, महासचिव दीपक प्रकाश शुक्ल, राष्ट्रीय संगठन सचिव प्रवीण कंचन , अमित गुलाटी, भाजपा नेता नीलम सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष गौरव मिश्र, त्रिनाथ कुमार शर्मा, मध्यप्रदेश से कैलाश भार्गव, डॉ. एच. पी. त्रिपाठी सहित सभी विरिष्ठ पदाधिकारियों व प्रबुद्ध जनों ने भी अपनी अपनी राय रखी।






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