कदौरा। नाग पंचमी पर्व के अवसर पर कदौरा क्षेत्र में श्रद्धालुओं द्वारा नाग मंदिरों में दूध आदि चढक़र पूजा अर्चना की गई। वहीं बबीना के डेढ़ वर्ष पुराने नाग चौक मंदिर में कन्या भोज कराकर पूजा अर्चना की गई।
ज्ञातव्य हो कि श्रावण मास में नाग पंचमी पर्व को नागदेव की पूजा अर्चना के लिए विशेष माना गया है। कदौरा क्षेत्र में शनिवार को पंचमी पर्व पर ग्राम बबीना में विख्यात रही नाग चौक मंदिर की गद्दी का इतिहास डेढ़ सौ वर्ष पुराना रहा है जिस मंदिर में हर वर्ष की तरह पंचमी पर भक्तों द्वारा नागदेव की प्रतिमा पर दूध चढ़ाकर पूजा अर्चना की गई। वहीं मंदिर में कन्या भोज कराकर शाम को बैठक का आयोजन भी हुआ।
नजदीकी समाजसेवी कल्लू प्रसाद सोनकर द्वारा बताया गया कि उक्त मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है जहां पूर्व में एक नाग मठ बनी हुई थी। श्रद्धालुओं द्वारा माता रानी सहित शिवालय का भी निर्माण कराया गया है। बताते हैं कि उक्त नाग चौक मंदिर में पचास वर्ष पूर्व भगत भगावन ही पूजा अर्चना करते थे जो कि सर्पदंश के उपचार के लिए विख्यात थे। आसपास क्षेत्र दूरदराज से भी जहरीले सर्प दंश के मरीजों का उपचार उक्त भगत इसी स्थान पर खुद अपने मुंह से जहर चूस के किया करते थे व कितना भी जहरीला सर्प हो उसका भी उपचार उक्त भगत द्वारा निकला जाता रहा है जिनके द्वारा कई मरीजों की जान बचाने से विख्यात हो चुके थे तभी से इस गद्दी का महत्व बढ़ गया तब से पूजा अर्चना की श्रद्धा जारी है। वर्तमान में पिछले कुछ वर्षों में भगत गंगा यहां बैठक करते रहे हैं जो कि इटौरा में रहते हैं व अब गांव के गंगा द्वारा यहां पूजा बैठक की जाती है। वहीं उक्त कार्यक्रम में सभी मोहल्ले ग्राम के भक्तगण सम्मिलित रहे। वहीं उक्त नागचौक मंदिर में पंचमी के दिन हर वर्ष की तरह कन्या भोज भी कराया गया एवं भक्त मंदिर के अलावा सर्प बामी में भी दूध चढ़ाकर पूजा करते हैं।

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